कब और क्यों किया जाता है शालिग्राम-तुलसी विवाह? जानें विवाह की विधि, तिथि, मुहूर्त एवं इसकी पौराणिक कथा!
कब और क्यों किया जाता है शालिग्राम-तुलसी विवाह? जानें विवाह की विधि, तिथि, मुहूर्त एवं इसकी पौराणिक कथा!
कुछ ही दिनों में चातुर्मास की समाप्ति के साथ ही सनातन परंपराओं के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे. इसे देवउठनी एवं प्रबोधिनी एकादशी कहते है. अगले दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी को विष्णु जी के स्वरूप शालिग्राम जी से देवी तुलसी का विवाह कराया जाता है.
कुछ ही दिनों में चातुर्मास की समाप्ति के साथ ही सनातन परंपराओं के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे. इसे देवउठनी एवं प्रबोधिनी एकादशी कहते है. अगले दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी को विष्णु जी के स्वरूप शालिग्राम जी से देवी तुलसी का विवाह कराया जाता है.