देश की खबरें | दिवाली के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू

नयी दिल्ली, 13 नवंबर दिल्ली में दिवाली की रात पटाखे फोड़े जाने के बाद सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई, जिसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इस स्थिति के लिए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।
दिल्ली को बारिश के कारण वायु प्रदूषण से जो राहत मिली थी वह रविवार की रात दिवाली के अवसर पर कथित तौर पर प्रतिबंध के बावजूद फटाखे फोड़ने से स्वाहा हो गई। सोमवार को दिल्ली की सुबह धुंए की परत के बीच हुई और वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ गया।
दिल्ली में रविवार को दिवाली के दिन आठ वर्षों में सबसे बेहतर वायु गुणवत्ता दर्ज की गई थी। इस दौरान 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) अपराह्न चार बजे 218 दर्ज किया गया था लेकिन यह स्थिति बहुत थोड़े समय तक रही और सोमवार को एक्यूआई 358 पहुंच गया जो ‘बहुत खराब’श्रेणी है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था।
वायु गुणवत्ता निगरानी में विशेषज्ञता रखने वाली स्विस कंपनी ‘आईक्यूएयर’ के अनुसार, सोमवार को दिल्ली, दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर था, इसके बाद पाकिस्तान के लाहौर और कराची शहरों का स्थान था। दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में मुंबई और कोलकाता क्रमश: पांचवें और छठे स्थान पर हैं।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के विश्लेषण के मुताबिक इस साल दिवाली के दिन राष्ट्रीय राजधानी में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर में पिछले साल की दिवाली वाले दिन के मुकाबले क्रमश: 45 प्रतिशत और 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में लगभग सभी वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों ने पिछले वर्ष की तुलना में दिवाली के दिन प्रदूषण के स्तर में वृद्धि दर्ज की।
जब दिल्ली के लोग प्रदूषण से जूझ रहे थे, तब भी नेता शहर में दिवाली पर पटाखे फोड़ने को लेकर एक दूसरे की आलोचना कर रहे थे। दिल्ली में सत्तारूढ़ आप ने आरोप लगाया कि भाजपा ने लोगों को शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन करने के लिए उकसाया।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, ‘‘भाजपा से जुड़े लोगों ने आम जनता को आतिशबाजी के लिए उकसाया, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। दिल्ली का एक्यूआई रातोंरात 100 अंक से अधिक बढ़ गया।’’
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में आतिशबाजी के लिए पटाखे उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लाये गये थे और इन राज्यों की पुलिस सहित कुछ लोगों ने पटाखों को राजधानी में ले जाने की अनुमति दी।
राय ने कहा, ‘‘अगर इन राज्यों ने पटाखों पर प्रतिबंध लागू किया होता और उनकी पुलिस ने भी अपना कर्तव्य सही से निभाया होता, तो दिल्ली को परेशानी नहीं होती।’’
दिल्ली प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने राय के प्रदूषण पर दिए गए बयान को ‘शर्मनाक’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में प्रदूषण के लिए पटाखों को जिम्मेदार ठहराना मूर्खतापूर्ण है। एक सप्ताह पहले दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से 500 था। दिवाली के बाद 296 है। अगर पटाखों से प्रदूषण होता है तो गाजा में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक होता। प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई होनी चाहिए।’’
मिश्रा ने रविवार को पटाखों पर रोक का उल्लंघन करने पर लोगों की सराहना की थी। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,‘‘ दिल्ली पर गर्व है। यह आवाजें प्रतिकार की हैं, स्वतंत्रता और लोकतंत्र की आवाज है। लोगों ने साहसिक तरीके से अवैज्ञानिक, अतार्किक, और तानाशाही प्रतिबंध का प्रतिकार किया, दिवाली की शुभकामनाएं।’’
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावला ने ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में आरोप लगाया कि ‘आप’ और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ हिंदुओं और दिवाली को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ आप और ‘इंडिया’ गठबंधन अब हिंदुओं और दिवाली को निशाना बना रहे हैं। क्या हमें हैरानी हुई? ’’
पूनावला ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की चेतावनी के बावजूद दिवाली के दिन पंजाब में पराली जलाने की 900 घटनाएं हुई, ‘‘कुल मिलाकर पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या 23 हजार से अधिक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपने पिछले नौ साल में क्या किया? श्री गोपाल राय अपनी गलतियों के लिए हिंदुओं को कोसना बंद करें।’’
राय ने यह भी कहा कि केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के चौथे चरण के तहत दिल्ली में निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध सहित उठाये गये कड़े कदम अगले आदेश तक लागू रहेंगे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने धूल प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए अपने अभियान को 30 नवंबर तक बढ़ाने और 14 नवंबर से खुले में कचरा जलाने के खिलाफ एक महीने का अभियान शुरू करने का फैसला किया है।
मंत्री ने बताया कि मौसम से जुड़ी स्थिति के बिगड़ने का पूर्वानुमान जताने वाले विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर ये कदम उठाए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले तीन से चार दिनों में प्रदूषक हवा में छितरा सकते हैं।
राय ने यह भी कहा कि ‘सम-विषम’ कार योजना के कार्यान्वयन पर तभी निर्णय लिया जाएगा जब हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर से ऊपर’ श्रेणी (एक्यूआई 450 से ऊपर) तक पहुंच जाएगी।

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