पुणे, 14 नवंबर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार मंगलवार को अपने गृहनगर बारामती में दिवाली पड़वा के अवसर पर आयोजित वार्षिक कार्यक्रम में अपने शुभचिंतकों से मिले लेकिन इस दौरान उनके भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार मौजूद नहीं थे।
पवार परिवार हर साल पुणे जिले के बारामती शहर में स्थित अपने गोविंदबाग निवास में दिवाली पड़वा मनाता है। राकांपा कार्यकर्ताओं और नेताओं सहित राज्य भर से हजारों लोग शरद पवार को शुभकामनाएं देने बारामती पहुंचते हैं।
इस साल भी 82 वर्षीय नेता शरद पवार को शुभकामनाएं देने उनके आवास पर भारी भीड़ जमा हुई। इस कार्यक्रम में उनकी बेटी और राकांपा की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले भी मौजूद थीं।
यह पूछे जाने पर कि क्या अजित पवार कार्यक्रम में शामिल होंगे और अपने चाचा से मिलेंगे, सुले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अजित दादा डेंगू से पीड़ित हैं और पिछले 21 दिन से डॉक्टरों की सलाह पर आराम कर रहे हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि राकांपा विधायक और शरद पवार के पोते रोहित पवार अपनी युवा संघर्ष यात्रा के लिए बीड में हैं।
उल्लेखनीय है कि अजित पवार ने शुक्रवार को यहां शरद पवार से मुलाकात की थी जिसे लेकर राज्य के राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गईं। हालांकि, बाद में सुले ने कहा कि यह राजनीतिक मुलाकात नहीं थी।
सुले ने कहा, ‘‘भले ही हमारी राजनीतिक विचारधाराएं अलग-अलग हों, फिर भी हम अपने व्यक्तिगत संबंध बनाए रखते हैं। पेशेवर और निजी जिंदगी में अंतर होता है।’’
जुलाई में महाराष्ट्र में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के बाद चाचा और भतीजे के बीच यह दूसरी ऐसी मुलाकात थी।
अजित पवार गुट में शामिल राकांपा नेता अंकुश काकड़े ने शुक्रवार को कहा कि चिकित्कों ने हाल ही में डेंगू से पीड़ित हुए उपमुख्यमंत्री को पूर्ण आराम करने की सलाह दी है और संक्रमण से बचने के लिए उन्हें बड़ी सभाओं से दूर रहने को कहा है।
बाद में, शुक्रवार को अजित पवार ने नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
अजित पवार ने शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर अपना दावा जताया है।
सूत्रों ने बताया कि शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने निर्वाचन आयोग को सूचित किया है कि अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने पार्टी पर दावा करने के लिए 20,000 से अधिक फर्जी हलफनामे सौंपे हैं।