श्रीनगर, 11 नवंबर डीपीएपी के नेता गुलाम नबी आजाद शनिवार को अनंतनाग में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद की कब्र पर नहीं जा सके क्योंकि मकबरे के प्रवेश द्वार पर ताला लगा हुआ था।
आजाद और उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (डीपीएपी) के अन्य नेताओं को अनंतनाग के बिजबेहरा में सईद के मकबरे की बाड़ के बाहर से फातेहा (दिवंगत के लिए दुआ) पढ़ी।
डीपीएपी के नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद अमीन भट ने कहा, “हम मुफ्ती मोहम्मद सईद के लिए फातेहा पढ़ने आए थे। वह एक बड़े नेता थे। दरवाजा बंद है, हमें नहीं पता कि यह किसने किया, लेकिन हम इसकी निंदा करते हैं।”
उन्होंने कहा कि जब भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींदर रैना मकबरे पर पहुंचे थे तो दरवाजे खुले थे, लेकिन आजाद के लिए इसे बंद कर दिया गया।
भट ने कहा, “(भाजपा नेता) रवींदर रैना के लिए दरवाजा खुला था, लेकिन हमारे लोकप्रिय नेता (आजाद) के लिए नहीं, जिन्होंने मुफ्ती साहब के साथ भाई की तरह 50 साल बिताए।”
तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो सका कि मकबरे का दरवाजा किसने बंद किया था। आजाद अपनी पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए बिजबेहरा में थे।