देश की खबरें | बामनौली जमीन मामला: सतर्कता मंत्री आतिशी ने दिल्ली के मुख्य सचिव के खिलाफ शुरू की जांच

नयी दिल्ली, 11 नवंबर दिल्ली की सतर्कता मंत्री आतिशी ने शनिवार को मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ एक शिकायत पर जांच शुरू की और आगे की कार्रवाई के लिए बामनौली भूमि अधिग्रहण की सभी फाइलें तलब कीं। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मुख्य सचिव के बेटे को उस जमीन के मालिक के रिश्तेदार ने नौकरी पर रखा, जिसे एक सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहीत जमीन का बढ़ा हुआ मुआवजा मिला था।
अधिकारियों ने बताया कि आतिशी ने संभागीय आयुक्त और सतर्कता निदेशक को आज शाम सात बजे तक बामनौली भूमि अधिग्रहण से संबंधित सभी फाइल उन्हें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
संभागीय आयुक्त और सतर्कता निदेशक को अलग-अलग नोट में, मंत्री ने निर्देश दिया कि “मामले से संबंधित किसी भी फाइल को मुख्य सचिव के माध्यम से संसाधित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि वह जांच का सामना कर रहे हैं और इसलिए इसमें हितों का टकराव है।”
मुख्य सचिव ने अपने खिलाफ शिकायत पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि यह सतर्कता जांच का सामना कर रहे “असंतुष्ट” व्यक्तियों द्वारा “कीचड़ उछालने” का कृत्य है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को शिकायत को जांच के लिए चिह्नित किया और सतर्कता मंत्री से विस्तृत रिपोर्ट मांगी।
आतिशी ने अपने नोट में कहा कि द्वारका एक्सप्रेस-वे के लिए बामनौली गांव में भूमि अधिग्रहण के संबंध में मुख्यमंत्री को एक शिकायत मिली है।
मंत्री ने लिखा, ‘‘यह आरोप लगाया गया है कि दो जमीन मालिक – सुभाष चंद कथूरिया और विनोद कथूरिया – दिल्ली के वर्तमान मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे के एक व्यापारिक सहयोगी के परिवार के सदस्य हैं।’’
मई 2023 में, तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट (दक्षिण पश्चिम दिल्ली) हेमंत कुमार ने बामनौली गांव में 19 एकड़ जमीन के लिए दो व्यक्तियों को 18.54 करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजे के रूप में 353 करोड़ रुपये दिए। 2018 में द्वारका एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा भूमि का अधिग्रहण किया गया था।
नोट में कहा गया है, ‘‘जिलाधिकारी दक्षिण पश्चिम ने निर्णायक प्राधिकारी, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के 2018 के फैसले को पलट दिया, जिसमें 53 लाख रुपये प्रति एकड़ के मूल्यांकन के आधार पर भूमि के उसी टुकड़े के लिए 41.52 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था।’’
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने हाल ही में हेमंत कुमार को निलंबित कर दिया था और मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे।
आतिशी ने कहा कि बामनौली गांव की जमीन के अधिग्रहण और इसमें हेमंत कुमार की संलिप्तता के मामले की जांच सतर्कता निदेशालय पहले ही कर चुका है।
उन्होंने कहा, “हालांकि, मुख्य सचिव की भूमिका की अभी तक जांच नहीं की गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस पर जांच शुरू कर दी गई है।”
मुख्य सचिव ने पहले कहा कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू करने सहित सक्रिय कार्रवाई सुनिश्चित की गई थी।
इस साल 15 मई को तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट (दक्षिण पश्चिम दिल्ली) द्वारा 41 करोड़ रुपये का मूल मुआवजा बढ़ाकर 353.79 करोड़ रुपये कर दिया गया था। डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार ने 2 जून को इस मामले को मुख्य सचिव के समक्ष रखा।
मुख्य सचिव ने संभागीय आयुक्त को इस मुद्दे की पाक्षिक आधार पर निगरानी करने का निर्देश दिया और बाद में सतर्कता निदेशालय को भी मामले की जांच करने के लिए कहा।
इसके अलावा, उपराज्यपाल वी के सक्सेना की मंजूरी के साथ, 20 सितंबर को गृह मंत्रालय (एमएचए) को जिला मजिस्ट्रेट के खिलाफ सीबीआई जांच और विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई थी।

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