देश की खबरें | पशु अधिकार कार्यकर्ताओं को पीटे जाने का मामला: महाराष्ट्र सरकार को दो-दो लाख रुपए देने का निर्देश

मुंबई, 23 नवंबर महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस साल फरवरी में नांदेड़ में पुलिस अधिकारी द्वारा कथित तौर पर पीटे गए पांच पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के ‘‘मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन’’ के मद्देनजर राज्य सरकार को उन्हें दो-दो लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
नांदेड़ में एक पुलिस अधिकारी ने तस्करी की गायों को ले जा रहे वाहनों को रोकने पर कुछ युवाओं को कथित तौर पर पीटा था। आयोग ने फरवरी में इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था।
आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति के के तातेड और सदस्य एम ए सैयद ने नौ नवंबर को इस संबंध में आदेश जारी किया। आयोग ने कहा कि उसे यह मानने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि पीड़ितों के मानवाधिकार – गरिमा और सम्मान के साथ जीने का अधिकार – का दोषी पुलिस अधिकारी ने ‘‘अवैध और अनुचित कार्रवाई कर खुलेआम उल्लंघन’’ किया।
आदेश में कहा गया है कि इस तरह की गैरकानूनी कार्रवाई के कारण हुए अपमान एवं परेशानी के लिए पीड़ित मुआवजे के स्वाभाविक रूप से हकदार हैं।
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि पीड़ितों के साथ पुलिस अधिकारी द्वारा किया गया अमानवीय व्यवहार किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि वह खुद कानून का रक्षक और संरक्षक है।
आयोग ने महाराष्ट्र सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक महीने के भीतर आदेश का पालन करने का निर्देश दिया।
उसने अतिरिक्त मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिया कि वह राज्य के पुलिस महानिदेशक से पुलिस की क्रूरता और शक्तियों के दुरुपयोग पर दिशानिर्देश तैयार करने के लिए कहें।
आयोग ने कहा कि दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ बाद में प्राथमिकी दर्ज की गई और विभागीय जांच भी शुरू की गई, लेकिन उसका दृढ़ता से मानना है कि मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम के तहत मामला बनता है।
उसने कहा, ‘‘पीड़ितों को पुलिस थाने लाए जाने, उन्हें अपने कपड़े उतारने के लिए कहने और उनके साथ मारपीट करने के कृत्य से उन्हें बहुत अपमानित होना पड़ा होगा।’’
आयोग ने 2022 के एक अन्य मामले में 31 अक्टूबर को नंदुरबार जिले के पुलिस अधीक्षक को उस सामाजिक कार्यकर्ता को 21,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया जिसने चमड़े की अवैध तस्करी के खिलाफ शिकायत की थी और इसके बाद उसके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया था।

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