देश की खबरें | सीबीआई स्वतंत्र कानूनी इकाई, भारत सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है : केंद्र ने अदालत से कहा

नयी दिल्ली, नौ नवंबर केंद्र ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय से पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज करने का आग्रह किया, जिसमें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) पर राज्य की सहमति के बिना प्राथमिकी दर्ज करने और जांच शुरू करने का आरोप लगाया गया है।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ को बताया कि जांच एजेंसी एक ‘‘स्वतंत्र कानूनी इकाई’’ है और केंद्र सरकार का इस पर कोई ‘‘नियंत्रण’’ नहीं है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र के खिलाफ शीर्ष अदालत में मुकदमा दायर किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य में मामलों की जांच के लिए सामान्य सहमति वापस लेने के बावजूद सीबीआई प्राथमिकी दर्ज कर रही है और जांच आगे बढ़ा रही है।
संविधान का अनुच्छेद 131 किसी राज्य को केंद्र या किसी अन्य राज्य के साथ विवाद की स्थिति में सीधे उच्चतम न्यायालय में जाने का अधिकार देता है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने 16 नवंबर, 2018 को राज्य में जांच और छापेमारी करने के लिए सीबीआई को दी गई ‘सामान्य सहमति’ वापस ले ली थी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि अनुच्छेद 131 के तहत सीबीआई के खिलाफ मुकदमा दायर नहीं किया जा सकता है।

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