पाटन (छत्तीसगढ़), 10 नवंबर पाटन में एक धूलभरी सड़क की मरम्मत की जा रही है, जिसके किनारे एक दीवार पर लिखा है, ‘इस बार काका पर भतीजा भारी’। यह नारा इस सीट पर होने वाले रोमांचक मुकाबले का सार बयां कर रहा है, जहां से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधायक हैं।
दुर्ग जिले से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद विजय बघेल जिले की पाटन सीट पर मुख्यमंत्री के सामने हैं। हालांकि, वह पहली बार उनके खिलाफ चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
विजय बघेल (64) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (62) के दूर के भतीजे हैं।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की राज्य इकाई के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी के बेटे अमित जोगी काका और भतीजे की “परिवारवादी” राजनीति के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं, जिससे इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
अमित जोगी ने एक जनसभा में कहा, “अब तक (बघेल) परिवार का कोई न कोई यहां से जीतता रहा है।”
आम आदमी पार्टी (आप) के अमित कुमार हिरवानी समेत कुल 16 उम्मीदवार पाटन में मैदान में हैं, जहां 17 नवंबर को दूसरे और आखिरी चरण में 69 अन्य सीट के साथ मतदान होगा।
कांग्रेस के कृषि ऋण माफी और धान की कीमत 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के वादे की काट के तौर पर विजय बघेल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए किए गए काम गिनाकर वोट मांग रहे हैं।
विजय बघेल और जोगी ने मुख्यमंत्री पर राज्य में शराब की दुकानों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
विजय बघेल ने अपने चुनावी भाषण में कहा, ”मोदी जी किसानों को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं और उन्हें मुफ़्त की चीजों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहने देना चाहते।”
भूपेश बघेल 1993 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जब यह सीट मध्य प्रदेश का हिस्सा हुआ करती थी। हर बार उन्होंने अपना रिकॉर्ड बेहतर ही किया है।
साल 2018 में, भूपेश बघेल ने 27,477 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। साल 2000 में मध्य प्रदेश को विभाजित कर छत्तीसगढ़ का गठन किया गया था।
विजय बघेल अपनी कार में ‘पीटीआई-’ से बातचीत में कहा, “2000 में हम अलग हो गए। 2018 में कांग्रेस की जीत और राज्य सरकार के चार मंत्रियों के दुर्ग जिले की सीटों से विधायक होने बाद भी 2019 के आम चुनावों में मुझे दुर्ग जिले से तीन लाख से अधिक (वोट) की बढ़त मिली। अकेले पाटन (मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र) में, मेरी बढ़त 30,000 थी।”