नयी दिल्ली, 10 नवंबर प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम उठाते हुए उच्चतम न्यायालय परिसर में ‘मिट्टी कैफे’ का शुक्रवार को उद्घाटन किया, जिसका संचालन एवं पूरा प्रबंधन दिव्यांगजन करेंगे।
प्रधान न्यायाधीश ने कामकाजी दिन की शुरुआत से पहले अदालत परिसर में कैफे के उद्घाटन की घोषणा की और बार के सदस्यों से इस पहल को समर्थन देने की अपील की।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कह, ‘‘मुझे उम्मीद है कि बार इस पहल में सहयोग देगा।’’
उन्होंने कहा कि कैफे का प्रबंधन करने वाले सभी लोग दिव्यांग हैं।
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि यह ‘‘करुणा का प्रतीक’’ है।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कामकाजी दिन की शुरुआत से पहले अन्य न्यायाधीशों की मौजूदगी में कैफे का उद्घाटन किया।
उन्होंने बताया कि ‘मिट्टी कैफे’ ने देश के विभिन्न हिस्सों में 38 कैफे खोले हैं।
शीर्ष अदालत के परिसर में पहले से ही कई भोजनालय और कैफेटेरिया हैं जो अदालत में रोजाना आने वाले वकीलों और वादियों की जरूरतों को पूरा करते हैं।