जरुरी जानकारी | वाणिज्य मंत्रालय ने ‘निर्यात केंद्रों के रूप में जिले’ योजना के लिए अमेजन से समझौता किया

नयी दिल्ली, 23 नवंबर वाणिज्य मंत्रालय ने ई-कॉमर्स के जरिये निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से 20 चिह्नित जिलों में ‘डिजिटल कैटलॉग’ बनाने और कर संबंधी मुद्दों पर एमएसएमई को प्रशिक्षण देने के लिए अमेरिकी कंपनी अमेजन के साथ एक समझौता किया है।
मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के अनुसार क्षमता निर्माण सत्र से लघु, कुटीर एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को पहचान बनाने, उत्पादों की ‘डिजिटल कैटलॉगिंग’ (डिजिटल मंच पर सूचीबद्ध करने) और कर सलाह सहित अन्य चीजों को सीखने का मौका मिलेगा।
विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष सारंगी, अमेजन के उपाध्यक्ष (सार्वजनिक नीति) चेतन कृष्णास्वामी और अमेजन इंडिया (निदेशक ग्लोबल ट्रेड) के भूपेन वाकणकर की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय की एक शाखा है जो देश के आयात तथा निर्यात संबंधी मुद्दों से निपटती है।
बयान में कहा गया, ‘‘सूक्ष्म, लघु तथा मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को सक्षम बनाने और देश से ई-वाणिज्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए डीजीएफटी ‘निर्यात केंद्रों के रूप में जिले’ पहल को बढ़ावा देने और देश से ई-वाणिज्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न ई-वाणिज्य कंपनियों के साथ सहयोग कर रहा है। ’’
एमओयू के तहत अमेजन और डीजीएफटी चिह्नित जिलों में एमएसएमई के लिए चरणबद्ध तरीके से क्षमता निर्माण सत्र, प्रशिक्षण तथा कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे।
डीजीएफटी ने विदेश व्यापार नीति 2023 में उल्लिखित ‘निर्यात केंद्रों के रूप में जिले’ पहल के तहत इन जिलों की पहचान की है।

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