देश की खबरें | कांग्रेस ने मंडल आयोग की रिपोर्ट कई साल दबाकर रखी, इसका विरोध किया था : शाह

इंदौर (मध्यप्रदेश), 11 नवंबर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उत्थान के लिए कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मंडल आयोग की रिपोर्ट कई साल तक दबाकर रखी थी और इसका विरोध भी किया था।
शाह ने ऐसे वक्त यह बात कही, जब कांग्रेस अपने इस वादे पर लगातार जोर दे रही है कि 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में उसकी सरकार बनने पर वह ओबीसी, दलितों और आदिवासियों के भले के लिए राज्य में जातिगत जनगणना कराएगी। कांग्रेस, केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर यह आरोप भी लगा रही है कि वह देश में जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहती।
गृह मंत्री ने इंदौर के देपालपुर विधानसभा क्षेत्र के बेटमा कस्बे में भाजपा की चुनावी सभा में कहा, ‘‘कांग्रेस ने ओबीसी के लिए क्या किया? कांग्रेस ने मंडल आयोग की रिपोर्ट कई साल तक दबा कर रखी थी और इसका विरोध किया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार में 35 प्रतिशत से ज्यादा ओबीसी मंत्री हैं। इस सरकार ने ही पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता दी।’’
शाह ने यह भी कहा कि खुद मोदी गरीब परिवार से आते हैं और ओबीसी, दलित और आदिवासी वर्ग के गरीबों का कल्याण केवल मोदी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ओडिशा के गरीब आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखने वाली द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया है।
गृह मंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को लेकर भी कांग्रेस पर वार किया। उन्होंने कहा,‘‘भगवान राम 550 साल से राह देख रहे थे कि उनके जन्मस्थान पर उनका भव्य मंदिर कब बनेगा, लेकिन कांग्रेस पिछले 70 साल से इस मंदिर के निर्माण का काम अटका, भटका और लटका रही थी।’’
शाह ने कहा कि गुजरे वर्षों में भाजपा से राम मंदिर निर्माण की तारीख पूछने वाली कांग्रेस को वह बताना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी 22 जनवरी 2024 को इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करने जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश के मतदाताओं से भाजपा के लिए चुनावी समर्थन मांगते हुए गृह मंत्री ने कहा,‘‘आप तीन दिसंबर (मतगणना की तारीख) को सरकार बना दो। हमने घोषणा की है कि मध्यप्रदेश के सभी लोगों को बारी-बारी से रामलला के दर्शन राज्य सरकार कराएगी।’’
उन्होंने कांग्रेस को ‘‘परिवारवादी पार्टी’’ बताते हुए दावा किया कि सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं, जबकि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अपने बेटों को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने की जुगत में लगे हैं।
शाह ने सभा में मौजूद लोगों से पूछा, ‘‘जो लोग अपने बेटे-बेटियों के लिए राजनीति में हों, क्या वे ओबीसी, आदिवासियों और दलितों का भला कर सकते हैं?’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मध्यप्रदेश में गांधी परिवार का आदेश चलता है। इस आदेश पर निर्देश कमलनाथ का चलता है और कोई गलती हो जाए, तो चांटा दिग्विजय सिंह को पड़ता है।’’

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *