कोलंबो, सात नवंबर मौजूदा विश्व कप में मेजबान भारत के हाथों बड़ी हार के बाद सरकार द्वारा बर्खास्त किए जाने के एक दिन बाद अदालत ने मंगलवार को श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (एसएलसी) प्रशासन को बहाल कर दिया।
भारत ने मुंबई में श्रीलंका को 302 रन के बड़े अंतर से हराया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर लोगों में आक्रोश को देखते हुए खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने सोमवार को पूर्व विश्व कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा की अध्यक्षता में सात सदस्यीय अंतरिम समिति नियुक्त की।
शम्मी सिल्वा के नेतृत्व वाले एसएलसी ने अदालत में इसके खिलाफ अर्जी दी। अदालत ने उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए रणसिंघे द्वारा जारी अधिसूचना को 14 दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
सिल्वा प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि अदालत का आदेश एसएलसी को बहाल करने के समान है और बोर्ड पहले की तरह काम करना जारी रखेगा।
रणतुंगा ने प्रशासन संभालने के लिए सोमवार को एसएलसी मुख्यालय का दौरा किया।
इससे पहले सोमवार को राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में एसएलसी को बर्खास्त करने की चर्चा हुई। विक्रमसिंघे ने एसएलसी प्रशासन पर विवाद की जांच के लिए विदेश मंत्री अली साबरी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल उप समिति का गठन किया।
रणतुंगा इससे पहले राष्ट्रीय खेल परिषद के प्रमुख रह चुके हैं। वह एसएलसी में सिल्वा प्रशासन पर सवाल उठाते रहे हैं।
भारत से करारी शिकस्त के बाद सिल्वा प्रशासन के इस्तीफे की मांग को लेकर एसएलसी परिसर के सामने प्रदर्शन आयोजित किए गए। इमारत की सुरक्षा के लिए दंगा पुलिस को तैनात किया गया था।
सिल्वा को इस साल मई में उनके लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए एसएलसी प्रमुख के रूप में चुना गया था। उनका कार्यकाल 2025 तक चलेगा।