देश की खबरें | “भयावह प्रभाव” पैदा करने के लिए आपराधिक मुकदमा: न्यूजक्लिक ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा

नयी दिल्ली, आठ नवंबर समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि जांच एजेंसियां ​​”भयावह प्रभाव” पैदा करने के वास्ते आपराधिक मुकदमा चलाने के लिए कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही हैं।
अदालत समाचार पोर्टल की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें विदेशी अंशदान कानूनों के कथित उल्लंघन को लेकर दिल्ली पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज किए गए मामलों को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी के समक्ष कहा, ‘‘मुझे इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि मैं डिजिटल प्लेटफॉर्म पर समाचार प्रसारित करने वाली संस्था हूं।’’
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, “हम एक ऐसी जगह पर पहुंच गए हैं, जहां आपराधिक कानून को भयावह प्रभाव पैदा करने के लिए पसंदीदा हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यहां ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसकी जांच की जरूरत हो।”
उन्होंने कहा कि आपराधिक मामलों का उद्देश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष रिपोर्टिंग को “खामोश” करना, पत्रकारों को हतोत्साहित करना और “भयावह प्रभाव पैदा करना” है।
न्यूजक्लिक की स्वामित्व कंपनी पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) कानून के उल्लंघन के आरोपों पर पोर्टल के खिलाफ आपराधिक मामलों को रद्द करने का आग्रह करते हुए 2021 में उच्च न्यायालय का रुख किया था।
अग्रवाल ने कहा कि कंपनी में विदेशी धन वैध तरीके से आया और जैसा कि आरोप लगाया गया है, भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक विश्वासघात एवं धोखाधड़ी का मामला नहीं बनता।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार कंपनी, पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड ने कानून का उल्लंघन करते हुए वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी यूएसए से 9.59 करोड़ रुपये की एफडीआई प्राप्त की।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर अपनी जांच शुरू की और विदेशों से प्राप्त धन के संबंध में डिजिटल समाचार मंच के परिसरों तथा कई अन्य स्थानों पर तलाशी ली।
उच्च न्यायालय ने सात जुलाई 2021 को दिल्ली पुलिस से जुड़े मामले में न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी और उन्हें जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था।
इसने 21 जून 2021 को ईडी को धनशोधन मामले में न्यूजक्लिक और इसके प्रधान संपादक पुरकायस्थ के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था।
पुरकायस्थ को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने तीन अक्टूबर को चीन समर्थित दुष्प्रचार के लिए धन प्राप्त करने के आरोप में आतंकवाद रोधी कानून-गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज एक अलग मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।
मामले में सुनवाई नौ नवंबर को भी जारी रहेगी।

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