देश की खबरें | दिल्ली उच्च न्यायालय ने लापता लड़के का पता लगाने के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया

नयी दिल्ली, 14 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस को वर्ष 2020 में 17 साल की उम्र में लापता हुए एक लड़के का पता लगाने और दो सप्ताह के अंदर उसे बरामद करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने लड़के के माता-पिता की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को लापता लड़के को शीघ्र मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया।
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका एक ऐसे व्यक्ति को पेश करने का निर्देश देने के लिए दायर की जाती है जो लापता है या अवैध रूप से हिरासत में है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि अगस्त 2020 में उनका नाबालिग बेटा अपने चचेरे भाई और छह अन्य दोस्तों के साथ रोहिणी स्थित हैदरपुर शोधन संयंत्र के पास एक नहर पर गया था, लेकिन वह घर नहीं लौटा।
याचिकाकर्ता ने कहा कि एसीपी, डीसीपी, दिल्ली पुलिस आयुक्त के कार्यालयों के समक्ष कई शिकायतें दर्ज कराई गईं और कई शिकायतें दिल्ली के उपराज्यपाल, प्रधानमंत्री और मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को भी भेजी गईं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
अदालत ने कहा कि मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार सभी संभव प्रयास किए गए हैं। अदालत ने एसआईटी के गठन के निर्देश के साथ याचिका का निपटारा कर दिया।
न्यायमूर्ति शालिन्दर कौर की सदस्यता वाली पीठ ने हालिया आदेश में कहा, “उपरोक्त तथ्यों, लापता लड़के का पता लगाने के लिए किए गए सभी संभव प्रयासों और प्राथमिकी की जांच लंबित होने के मद्देनजर हम वर्तमान रिट याचिका का निपटारा करते हैं। संबंधित डीसीपी को लापता लड़के का पता लगाने, उसे बरामद करने और दो सप्ताह में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष उस पेश करने के लिए एक एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया जाता है।”

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