नई दिल्ली, 10 नवंबर : दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि शिकायतकर्ता की आरोपी से शादी के कारण बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम, 2012 के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करना उचित नहीं है. न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत आरोपों की गंभीरता पर जोर देते हुए, एफआईआर को रद्द करने की आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया.
अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि आईपीसी की धारा 376 के तहत अपराधों का निपटारा नहीं किया जा सकता है. ऐसे अपराधों के लिए एफआईआर को पक्षों के बीच समझौते के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता है. पीड़िता की शिकायत के बाद 2020 में एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया था कि जब वह 16 साल की थी तब आरोपी ने उसके साथ कई बार संबंध बनाए, जिस कारण वह गर्भवती हो गई.
जबकि शिकायतकर्ता ने आरोपी के साथ विवाद सुलझा लिया और उससे शादी कर ली. अदालत ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए एफआईआर और न्यायिक सहित संबंधित कार्यवाही को रद्द नहीं किया जा सकता है.