देश की खबरें | शीर्ष अदालत के ‘आदेश के अनुरूप’ परिवहन विभाग को ऐप-आधारित टैक्सियों पर प्रतिबंध का निर्देश दिया: मंत्री

नयी दिल्ली, आठ नवंबर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार के परिवहन विभाग को “उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार” ऐप-आधारित टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है।
हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि विस्तृत आदेश से ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि प्रतिबंध इस सप्ताह से लागू होगा या सम-विषम के दौरान प्रभावी रहेगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि प्रतिबंध सिर्फ सम-विषम के दौरान लागू करने की योजना है।
कैब उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि उन्हें परिवहन विभाग से कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि इन कैब की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने से यात्रियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधनों पर भी भार बढ़ेगा।
अधिकारियों ने कहा कि परिवहन विभाग इस मुद्दे पर एक विस्तृत आदेश जारी करेगा और इससे चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली सरकार से कहा था कि वह शहर की सड़कों पर सिर्फ स्थानीय रूप से पंजीकृत टैक्सियों को चलाने की अनुमति देने पर विचार करे। उसने कहा था कि अन्य राज्यों में पंजीकृत टैक्सियां बड़ी संख्या में सड़कों पर नज़र आती है, जिनमें केवल एक यात्री सवार होता है।
शीर्ष अदालत ने कहा, “ हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि दिल्ली में बड़ी संख्या में ऐप-आधारित ऐसी टैक्सियां हैं जो दूसरे राज्यों में पंजीकृत होती हैं। अगर हम सड़कों पर नजर डालें तो हर टैक्सी में केवल एक ही यात्री सवार होता है। हम जानना चाहेंगे कि क्या निगरानी का कोई तरीका है, खासकर इस अवधि के दौरान कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक अतिरिक्त उपाय के रूप में केवल दिल्ली में पंजीकृत टैक्सियों को चलने की अनुमति दी जाए। ”
राय ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “अदालत ने कहा है कि दिल्ली के बाहर पंजीकृत टैक्सियों को दिल्ली में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। दिल्ली के बाहर की ऐप-आधारित टैक्सियों को शहर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाने के लिए परिवहन विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं।”
मंत्री ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने भी कहा था कि नारंगी स्टिकर वाली डीजल कारों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
राय ने कहा, “ हमने परिवहन विभाग से जांच करने को कहा है कि ऐसे कितने वाहन हैं। ग्रैप के दिशानिर्देशों के तहत, बीएस तीन और बीएस चार डीजल वाहनों पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। परिवहन विभाग को यह जांच करने के लिए कहा गया है कि कितने बीएस-छह डीजल वाहन हैं और यदि उन पर प्रतिबंध लगाया जाता है और (यदि) सम-विषम लागू किया जाता है तो इसका क्या असर होगा।”
उन्होंने कहा, “ परिवहन विभाग को एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है और हम इसे शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में पेश करेंगे।”
दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा सम-विषम की प्रभावशीलता की समीक्षा करने और इस बाबत आदेश जारी करने के बाद इसे राष्ट्रीय राजधानी में लागू किया जाएगा।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि परिवहन विभाग दिशानिर्देश तय करते हुए एक विस्तृत आदेश जारी करेगा। उस आदेश से यह स्पष्ट हो जाएगा कि प्रतिबंध इसी सप्ताह से लागू होगा या सम-विषम लागू होने के दौरान प्रभावी होगा।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “सम-विषम योजना के कार्यान्वयन की अवधि के दौरान ही दिल्ली के बाहर पंजीकृत ऐप-आधारित टैक्सियों पर प्रतिबंध रहेगा।”
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि परिवहन विभाग सम-विषम के कार्यान्वयन के दौरान दिल्ली के बाहर पंजीकृत ऐप-आधारित टैक्सियों पर आंशिक प्रतिबंध लागू कर सकता है और विषम संख्या वाली कैब को विषम दिनों में और सम पंजीकरण संख्या वाली गाड़ियों को सम दिनों में चलाने की अनुमति दे सकता है।
कैब उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि ऐप-आधारित सभी कैब सीएनजी से चलती हैं और सड़कों से निजी वाहन की संख्या को कम करने में मदद करती हैं।
उन्होंने कहा, “ ऐसी कैब पर प्रतिबंध लगाने का मतलब होगा कि सड़कों पर अधिक निजी पेट्रोल और डीजल वाहन होंगे। इससे सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधनों पर भी अनावश्यक दबाव पड़ेगा और दैनिक यात्रियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।”
कैब एग्रीगेटर ‘उबर’ ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें परिवहन विभाग से कोई आदेश नहीं मिला है। हम दोहराना चाहते हैं कि दिल्ली में उबर मंच पर उपलब्ध सभी कारें सीएनजी या इलेक्ट्रिक हैं।”

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