जरुरी जानकारी | इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के लिये पीएलआई के तहत प्रोत्साहन वितरण चौथी तिमाही में: डीपीआईआईटी सचिव

नयी दिल्ली, सात नवंबर उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार घरों में उपयोग होने वाले एयर कंडीशनर जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों(व्हाइट गुड्स) के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के तहत वित्तीय प्रोत्साहन चौथी तिमाही से देना शुरू कर सकती है। कुछ कंपनियों ने इन वस्तुओं का उत्पादन शुरू किया है।

इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के लिये उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का उद्देश्य एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करना है।

सिंह ने यहां भारत-दक्षिण कोरिया व्यापार भागीदारी मंच की बैठक के के दौरान अलग से बातचीत में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) में हम पीएलआई के तहत कुछ वित्तीय प्रोत्साहन के वितरण की उम्मीद कर रहे हैं।’’

पीएलआई योजना के तहत 64 लाभार्थी इकाइयों में से 15 ने उत्पादन शुरू कर दिया है। इन 15 लाभार्थियों ने 31 मार्च, 2022 तक की अवधि का विकल्प चुना था। बाकी लाभार्थी ने 31 मार्च, 2023 तक की अवधि का विकल्प चुना था। वे परियोजना क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

यह योजना 2021-22 से 2028-29 तक सात साल की अवधि में लागू की जानी है। इस पर 6,238 करोड़ रुपये का व्यय आने का अनुमान है।
सिंह ने यह भी कहा कि वाहन और ‘व्हाइट गुड्स’ जैसे पीएलआई क्षेत्रों में परियोजना क्रियान्वयन की अवधि लंबी होती है। कंपनियों को प्रोत्साहन के लिये पात्र होने को लेकर निवेश सीमा को पार करना पड़ता है और इसमें समय लगता है।

उल्लेखनीय है कि कुल 1.98 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के तहत मार्च तक प्रोत्साहन के रूप में 2,900 करोड़ रुपये वितरित किये गये हैं।
इस साल इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में लगी कंपनियों के लिये 1,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रोत्साहन की मंजूरी दी गई है।
सचिव ने कहा कि पीएलआई योजना में इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल विनिर्माण, औषधि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे कुछ क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि कपड़ा जैसे क्षेत्रों में कुछ सुधार की जरूरत है।

उन्होंने सेमीकंडक्टर विनिर्माण पर कहा कि सरकार निजी क्षेत्र को आगे आने और भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिये प्रोत्साहित कर रही है।
इससे पहले, सिंह ने बैठक में अपने संबोधन में कहा कि 10 अरब डॉलर की सेमीकंडक्टर विनिर्माण योजना में दक्षिण कोरियाई कंपनियों के लिये भारत में बड़े अवसर हैं।

दक्षिण कोरिया 17 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर विनिर्माता है। साथ ही ‘मेमोरी चिप्स’ और डिस्प्ले में अगुवा है।
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने के बारे में सचिव ने कहा कि हल्के इंजीनियरिंग और औषधि जैसे घरेलू क्षेत्रों के लिये निर्यात के अवसर मौजूद हैं।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 27.9 अरब डॉलर रहा, जो 2021-22 में 25.6 अरब डॉलर था।

 

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *