देश की खबरें | ईडी ने हीरो मोटोकॉर्प के पवन कांत मुंजाल की 24.95 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

नयी दिल्ली, 10 नवंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि हीरो मोटोकॉर्प के कार्यकारी अध्यक्ष पवन कांत मुंजाल ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों का ‘‘उल्लंघन’’ करते हुए विदेश में अपने निजी खर्च के लिए दूसरों के नाम पर जारी विदेशी मुद्रा का इस्तेमाल किया।
जांच एजेंसी ने एक बयान में बताया कि उसने मुंजाल के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच के तहत उनकी 24.95 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है।
बयान के मुताबिक, मुंजाल की दिल्ली स्थित तीन अचल संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से कुर्क किया गया है।
मुंजाल (69) हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड के सीएमडी (चेयरपर्सन एवं प्रबंध निदेशक) और चेयरमैन हैं तथा उनकी कुल संपत्ति 24.95 करोड़ रुपये के करीब है।
ईडी ने कहा कि उसकी जांच से पता चला है कि ‘‘पवन कांत मुंजाल ने अन्य व्यक्तियों के नाम पर विदेशी मुद्रा जारी करवाई और उसका इस्तेमाल विदेश में निजी खर्च के लिए किया।’’
जांच एजेंसी ने दावा किया कि एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ने अधिकृत डीलरों से अपने विभिन्न कर्मचारियों के नाम पर विदेशी मुद्रा निकलवाई और मुंजाल के रिलेशनशिप मैनेजर को ‘‘सौंप दी।’’
ईडी ने कहा, ‘‘पवन कांत मुंजाल की निजी/व्यावसायिक यात्राओं के दौरान उनका रिलेशनशिप मैनेजर उनके व्यक्तिगत खर्च के लिए इस विदेशी मुद्रा को गुप्त रूप से नकद/कार्ड में ले जाता था।’’
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया, ‘‘उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत प्रति व्यक्ति पर लागू 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर की सालाना सीमा से बचने के लिए यह तरीका अपनाया गया था।’’
आरबीआई के अनुसार, एलआरएस के तहत नाबालिगों सहित सभी निवासी व्यक्तियों को किसी भी अनुमेय चालू या पूंजी खाता लेनदेन या दोनों के संयोजन के लिए प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) 2,50,000 अमेरिकी डॉलर तक स्वतंत्र रूप से भेजने की अनुमति है।
ईडी ने अगस्त में मुंजाल और उनकी कंपनियों के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज करने के बाद छापेमारी की थी। यह मामला कंपनी अधिनियम 1962 के तहत दायर राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद दर्ज किया गया था, जिसमें उन पर भारत से अवैध रूप से विदेशी मुद्रा ले जाने का आरोप लगाया गया था।
ईडी ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष की ओर से दायर शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 54 करोड़ रुपये के बराबर की विदेशी मुद्रा को भारत से अवैध रूप से बाहर ले जाया गया था।’’

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