नयी दिल्ली, सात नवंबर भारत में रोजमर्रा के उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाले उद्योग ने सितंबर तिमाही में मात्रा में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। उद्योग को महंगाई का दबाव कम होने के कारण खपत बढ़ने से मदद मिली। विश्लेषण फर्म नील्सनआईक्यू की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
कीमतों में सुधार के साथ एफएमसीजी उद्योग ने जुलाई-सितंबर तिमाही में मूल्य के लिहाज से नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। यह आंकड़ा पिछली तिमाहियों से कम है।
जब महंगाई अपने रिकॉर्ड उच्चस्तर पर थी, तो पिछली 5-6 तिमाहियों में एफएमसीजी उद्योग ने मूल्य के लिहाज से वृद्धि दर्ज की थी, हालांकि मात्रा में वृद्धि दबाव में थी।
नीलसनआईक्यू की एफएमसीजी तिमाही रिपोर्ट में कहा गया है कि जिंस कीमतों में नरमी के साथ यह प्रवृत्ति पलटने लगी है। इसके अलावा ग्रामीण बाजार में भी सुधार के संकेत दिख रहे हैं, जहां पिछली कई तिमाहियों से खपत में मंदी थी। शहरी बाजार स्थिर वृद्धि दर बनाए हुए है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण बाजार में छोटे आकार के पैक का उठाव अधिक हो रहा है, जबकि शहरी बाजारों में औसत पैक आकार बेहतर हो गया है। यहां बड़े पैक को प्राथमिकता दी जा रही है।
एनआईक्यू इंडिया के प्रबंध निदेशक सतीश पिल्लई ने कहा कि एफएमसीजी उद्योग में पिछली तिमाही से मूल्य के लिहाज से वृद्धि कम हुई है। उपभोक्ताओं की खर्च करने की शक्ति बढ़ी है और यह विशेष रूप से ग्रामीण बाजारों में स्पष्ट है।