विदेश की खबरें | तोक्यो में बैठक के बाद जी7 देशों ने इजराइल-हमास युद्ध पर एक रुख अख्तियार करने की घोषणा की

दो दिवसीय वार्ता के बाद एक बयान में जी7 राष्ट्रों ने इजराइल के खिलाफ हमास के बिना उकसावे के किए गए हमलों की आलोचना की और युद्धग्रस्त फलस्तीनी क्षेत्र में नागरिकों की मदद के लिए तुरंत कार्रवाई की जरूरत रेखांकित की।
बयान के मुताबिक, ”सभी पक्षों को युद्धग्रस्त क्षेत्र में फंसे नागरिकों को भोजन, पानी, दवाएं, ईंधन, आश्रय और मानवतावादी कार्यकर्ताओं तक पहुंच सहित निर्बाध मानवीय मदद की इजाजत देनी चाहिए।”
अमेरिका के एंटोनी ब्लिंकन सहित ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान और इटली के विदेश मंत्रियों ने मिलकर यह बयान जारी किया है।
बयान के मुताबिक, ”हम तत्काल आवश्यक सहायता, नागरिकों की आवाजाही और बंधकों को रिहा करने जैसे कार्यों में आ रही मानवीय रुकावटों को दूर करने का समर्थन करते हैं।”
जी7 देशों के विदेश मंत्रियों की यह बैठक बिगड़ते मानवीय संकट को रोकने के साथ-साथ गाजा पर व्यापक मतभेदों को गहराने से रोकने का एक प्रयास है।
जी7 विदेश मंत्रियों की दूसरे व अंतिम दिन की वार्ता में विभिन्न वैश्विक संकट पर बातचीत हुई। बैठक का मुख्य एजेंडा सात अक्टूबर को हमास के अभूतपूर्व एवं अप्रत्याशित हमले के बाद इजराइल की प्रतिक्रिया के कारण उत्पन्न मानवीय संकट और गाजा में महीने भर से जारी संघर्ष रहा। साथ ही बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध, उत्तर कोरिया परमाणु व मिसाइल कार्यक्रम और चीन की क्षेत्रीय विवाद को लेकर अपने पड़ोसियों के साथ बढ़ती आक्रमकता जैसे विषयों पर भी बातचीत हुई।
पश्चिम एशिया का तूफानी दौरा करने बाद तोक्यो पहुंचे ब्लिंकन ने कहा कि इजराइल में युद्ध पर एक स्पष्ट रुख बहुत ही जरूरी है ठीक वैसे ही, जैसे यूक्रेन और अन्य बड़े मुद्दों पर राजनयिकों ने किया। मंत्री भी गाजा को लेकर मतभेदों को गहराने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
ब्लिंकन ने जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा के साथ मुलाकात करने के बाद जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा से कहा, ”इस संकट की घड़ी में जी7 राष्ट्रों के लिए एक साथ आने और एक स्वर में आवाज उठाने के लिए यह एक बहुत ही जरूरी क्षण है, जैसा कि हम करते आए हैं।”
तोक्यो में ब्लिंकन और ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान और इटली के विदेश मंत्रियों ने पश्चिम एशिया की सीमा पर पहले से ही बेहद कमजोर हो चुके सुरक्षा हालात को और अधिक अस्थिरता की ओर जाने से बचाने के उद्देश्य से गाजा युद्ध रोकने के लिए साझा आधार तलाशने की कोशिश की।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने कहा कि गाजा में उत्तरी क्षेत्र में भोजन, पानी और दवाओं के लिए परेशान हो चुके हजारों की संख्या में फलस्तीनी नागरिक दक्षिण की ओर पैदल ही जा रहे हैं। वह अपने साथ वही सामान ले जा रहे हैं जो वह उठा सकते हैं।
इजराइल का कहना है कि गाजा शहर के अंदर उसके सैनिक हमास के उग्रवादियों के साथ युद्ध कर रहे हैं। लड़ाई शुरू होने से पहले गाजा शहर में करीब 6,50,000 लोग रहते थे। इजराइली सेना के अनुसार, गाजा शहर में ही हमास का ‘सेंट्रल कमांड सेंटर’ है और शहर में उग्रवादी समूह ने भूमिगत सुरंगों का जाल बिछा रखा है।

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