रायपुर, नौ नवंबर छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि जब वह राजधानी रायपुर में अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे थे तब उन पर हमला किया गया।
अग्रवाल सात बार के विधायक हैं तथा रायपुर शहर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।
घटना के बाद अग्रवाल, भाजपा नेताओं और अपने समर्थकों के साथ इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर शहर कोतवाली पुलिस थाने में धरने पर बैठ गए।
सत्ताधारी दल कांग्रेस ने आरोपों को ‘‘नौटंकी’’ करार दिया और कहा कि अग्रवाल ने हार की आशंका से इस आरोप का सहारा लिया है।
इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार महंत राम सुंदर दास हैं।
संवाददाताओं से बात करते हुए अग्रवाल ने कहा कि यह घटना तब हुई जब वह करीब शाम सात बजे बैजनाथ पारा इलाके (मुस्लिम बहुल इलाका) में मदरसा चौक पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि यहां 20-25 युवकों का एक समूह मौजूद था, उन्हें लगा कि वे उनका स्वागत करने के लिए वहां आए हैं।
अग्रवाल ने बताया, ‘‘मैंने उनसे भाजपा को वोट देने का आग्रह किया, तब उनमें से कुछ ने मेरा कॉलर पकड़ लिया और मुझ पर हमला करने की कोशिश की। मेरे समर्थकों और सुरक्षा कर्मियों ने मुझे मदरसे के अंदर खींच लिया और मुझे बचाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रायपुर के मुसलमान शांतिप्रिय हैं। मेरे उनसे पारिवारिक रिश्ते हैं। वे ऐसी हरकत नहीं कर सकते। दिवाली और चुनाव से पहले रायपुर का माहौल बिगाड़ने के लिए बाहर से गुंडे लाए गए हैं। जब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे।’’
उन्होंने इस घटना को सुनियोजित करार देते हुए कहा कि जिन लोगों ने उन पर कथित तौर पर हमला किया, वे (कांग्रेस नेता और रायपुर महापौर) एजाज ढेबर और उनके भाई अनवर ढेबर के सहयोगी हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने घटना को नौटंकी करार दिया और कहा कि अग्रवाल चुनाव में अपनी हार की आशंका से सहानुभूति पाने के लिए नाटक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह उस उम्मीदवार की नई चाल है जो चुनाव हारने से डरता है। महंत राम सुंदर दास जी की सादगी के सामने बृजमोहन अग्रवाल का पूरा चुनाव प्रबंधन विफल हो गया है।’’
शुक्ला ने दावा किया, ”कांग्रेस प्रत्याशी महंत राम सुंदर दास की लोकप्रियता के सामने बृजमोहन और भाजपा, सांप्रदायिकता का अपना पसंदीदा गंदा खेल नहीं खेल पा रहे हैं, इसलिए क्षेत्र में तनाव पैदा करने के इरादे से उन्होंने मनगढ़ंत कहानी रची।’’