तेल अवीव, 11 नवंबर : गाजा में फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि लगातार बिजली कटौती के कारण वहां के सबसे बड़े अल-शिफा अस्पताल के आईसीयू में चार मरीजों की मौत हो गई है. मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-कुद्रा ने कहा, ”अस्पताल के पास की इमारतों के चारों ओर स्नाइपर्स हैं और हम लगातार अत्यधिक गोलीबारी और विस्फोट की आवजें सुन रहे हैं. हमारे पास अभी बिजली नहीं है और हमने इस आपदा के बारे में पहले ही चेतावनी दे दी थी.” शनिवार की सुबह भी बिजली आपूर्ति नहीं होने के कारण अस्पताल में एक नवजात शिशु की मौत हो गयी. अल-शिफा अस्पताल सहित गाजा पट्टी में एक महीने से अधिक समय से किसी भी तरह के ईंधन की आपूर्ति रोक दी गई है. मंत्रालय ने कहा कि इजरायली ड्रोन अस्पताल के ऊपर मंडरा रहे हैं और अस्पताल परिसर में घूमने वाले लोगों पर गोलीबारी हो रही है.
अल-शिफा के डॉक्टर महदित अब्बास ने आईएएनएस को दिए एक संदेश में कहा, “हमारे पास न खाना है, न पानी, न बिजली, न इंटरनेट और हम बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग-थलग हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ मिनट पहले ही सर्जिकल एक्सपेंशन बिल्डिंग की पांचवीं मंजिल को निशाना बनाया गया था. अल-शिफ़ा अस्पताल के पास इज़रायली हमलों की खबरें आई हैं. कर्मचारियों और अधिकारियों ने ऑनलाइन वीडियो पोस्ट किए हैं जिनमें परिसर के आसपास के क्षेत्र में भारी बमबारी देखी जा सकती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि अल-शिफा “बमबारी की चपेट में है”. उन्होंने कहा कि गाजा पट्टी में 20 अस्पतालों में इलाज बंद है. इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शनिवार तड़के कहा कि गाजा पट्टी में आतंकवादियों द्वारा लॉन्च की गई एक विफल मिसाइल अल-शिफा अस्पताल पर गिरी. एक्स पर अरबी भाषा में एक पोस्ट में आईडीएफ के प्रवक्ता अविचाय अद्राई ने कहा कि सेना के “ऑपरेशनल सिस्टम के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि तोड़फोड़ करने वाले तत्वों ने आज सुबह गाजा शहर में अल-शिफा अस्पताल के पास सक्रिय आईडीएफ बलों को निशाना बनाकर रॉकेट दागे”.
उन्होंने कहा, “आईडीएफ सिस्टम के अनुसार, रॉकेट-चालित ग्रेनेड ने अस्पताल पर हमला किया गया. इसलिए, आईडीएफ को उपलब्ध जानकारी के अनुसार, गाजा पट्टी में आतंकवादी संगठन अस्पताल पर हमला करने वाले असफल मिसाइल प्रक्षेपण के लिए जिम्मेदार हैं.” आईडीएफ ने कहा है कि हमास अल-शिफा के नीचे सुरंगों से काम करता है. हालांकि, उग्रवादी समूह ने इस आरोप से इनकार किया है. यह घटनाक्रम इज़रायल द्वारा अस्पताल के बाहर एक एम्बुलेंस को निशाना बनाए जाने के एक सप्ताह बाद आया है, जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए और 50 अन्य घायल हो गए.