देश की खबरें | अमशीपोरा फर्जी मुठभेड़ मामले में सेना के कैप्टन को मिली आजीवन कारावास की सजा पर रोक लगी

नयी दिल्ली, 13 नवंबर दक्षिण कश्मीर के अमशीपोरा गांव में जुलाई 2020 में हुई “योजनाबद्ध” मुठभेड़ में तीन लोगों की हत्या के दोषी पाए गए सेना के एक कैप्टन की उम्रकैद की सजा यहां सशस्त्र बल न्यायाधिकरण ने निलंबित कर दी।
न्यायाधिकरण ने कैप्टन भूपेन्द्र सिंह को सशर्त जमानत भी दे दी और उन्हें अगले साल जनवरी से हर महीने के पहले सोमवार को अपने प्रधान रजिस्ट्रार के सामने पेश होने का निर्देश दिया।
कैप्टन सिंह से संपर्क करने पर उनके वकील मेजर (सेवानिवृत्त) सुधांशु एस पांडे ने मामले का विवरण साझा करने से इनकार कर दिया और कहा कि मामला अभी विचाराधीन है।
हालांकि, उन्होंने जमानत दिए जाने की पुष्टि की और कहा कि बचाव पक्ष का रुख सही साबित हुआ है, जिसे समरी जनरल कोर्ट मार्शल (एसजीसीएम) ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था।
उन्होंने कहा, “युवा अधिकारी को इस तरह दोषी ठहराए जाने से देश की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले अन्य अधिकारियों पर बहुत ही हतोत्साहित करने वाला प्रभाव पड़ेगा। इससे एक विचित्र स्थिति पैदा होगी, जिसमें युवा अधिकारी ऐसे अभियानों में कमान का आदेश मानने के बजाय लिखित आदेशों पर जोर देंगे। मैं कानून का शासन कायम रखने के लिए सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।”
मामला 18 जुलाई, 2020 को अमशीपोरा में हुई मुठभेड़ से संबंधित है, जिसमें राजौरी जिले के तीन लोग इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार की मौत हो गई थी और उन्हें आतंकवादी करार दिया गया था।

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