रांची, आठ नवंबर झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में 70 से अधिक मामलों में वांछित एक कुख्यात नक्सली ने बुधवार को सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया । उस पर 15 लाख रुपये का इनाम था । पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली भाकपा -माओवादी का ‘क्षेत्रीय कमांडर’ है और उसकी पहचान नवीन उर्फ सरबजीत यादव उर्फ विजय यादव के तौर पर हुयी है । उन्होंने बताया कि वह राज्य में संगठन के शीर्ष कमांडरों में से एक है।
उन्होंने बताया कि यादव चतरा जिले का रहने वाला है और उसने वहीं सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया ।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी के खिलाफ 70 से अधिक मामले हैं, जो पिछले 10 वर्षों से झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में सक्रिय था… उसका आत्मसमर्पण झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।’’
अधिकारी ने बताया कि झारखंड में वह चतरा के अलावा पलामू, बूढ़ा पहाड़, लातेहार, गढ़वा और कई अन्य इलाकों में सक्रिय था और उस पर 15 लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने बताया कि वह बिहार के गया और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में भी सक्रिय था ।
झारखंड पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि प्रतिबंधित संगठन ने पिछले कुछ वर्षों में मध्य क्षेत्र में सबसे सुरक्षित माने जाने वाले चतरा-पलामू उपक्षेत्र क्षेत्र में अपनी गतिविधि काफी बढ़ा दी है।
इसमें कहा गया है कि संगठन की ओर से इलाके में अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सुरक्षा बल एवं अन्य केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की लगातार कार्रवाई के कारण भाकपा (माओवादी) के कई शीर्ष कमांडर या तो मारे गए हैं या पकड़े गए हैं ।
बयान में कहा गया है कि झारखंड सरकार की ‘नई दिशा’ नीति के तहत कई माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया और कहा कि पुलिस राज्य को नक्सल मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बयान में कहा गया है कि हाल में कई शीर्ष माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है, जिसमें क्षेत्रीय समिति सदस्य इंदल गंझू, जोनल कमांडर अमरजीत यादव और सब-जोनल कमांडर सहदेव यादव यादव शामिल है, तीनों पर क्रमश: 15 लाख, 10 लाख और पांच लाख रुपये का इनाम था ।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि झारखंड सरकार ने माओवादियों के पुनर्वास के लिए नियमों में संशोधन किया है, जिसमें खुली जेल का प्रावधान भी शामिल है ।