देश की खबरें | पंजाब में पराली जलाने के 100 से अधिक मामले, हरियाणा में कई जगह वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में

चंडीगढ़, 11 नवंबर पंजाब में शनिवार को पराली जलाने के 104 मामले सामने आए, जिसके साथ ही ऐसे मामलों की कुल संख्या 23,730 हो गई, जबकि हरियाणा और पंजाब में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘संतोषजनक’ और ‘मध्यम’ श्रेणी में रहा।
पंजाब में पराली जलाने के हालिया मामलों की संख्या राज्य में कुछ दिन पहले की तुलना में काफी कम है।
अक्टूबर और नवंबर में दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि के पीछे पंजाब और हरियाणा में धान की पराली जलाना एक कारण माना जाता है।
पंजाब में शुक्रवार को पराली जलाने के केवल छह मामले सामने आए थे क्योंकि राज्य के कई हिस्सों में बारिश हुई।
शनिवार को राज्य के केवल 10 जिलों में पराली जलाने के 105 मामले सामने आए। लुधियाना में स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, संगरूर जिला 43 मामलों के साथ शीर्ष पर रहा, इसके बाद मनसा में 22, फाजिल्का में 13, फतेहगढ़ साहिब में आठ, लुधियाना और मुक्तसर में चार-चार, मालेरकोटला, पटियाला और बठिंडा में तीन-तीन और फिरोजपुर में एक मामला सामने आया है।
वर्ष 2021 और 2022 में एक ही दिन में राज्य में पराली जलाने के क्रमशः 4,156 और 3,916 मामले सामने आए थे।
पंजाब में 15 सितंबर से 11 नवंबर तक पराली जलाने के 23,730 मामले सामने आए हैं। इनमें संगरूर 4,249 मामलों के साथ पहले स्थान पर है। इसके बाद फिरोजपुर में 2,260, तरनतारन में 1,908, मनसा में 1,837, पटियाला में 1,556 और अमृतसर में 1,459 मामले सामने आए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, इस मौसम में पराली जलाने की कुल 23,730 घटनाएं हुईं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज की गईं घटनाओं की तुलना में 42 प्रतिशत कम हैं। पिछले वर्ष इस अवधि में 40,677 मामले सामने आए थे। राज्य में 2021 में इसी अवधि के दौरान पराली जलाने की 47,409 घटनाएं सामने आई थीं।
इस बीच, हरियाणा और पंजाब में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। दोनों राज्यों में एक्यूआई ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणियों में देखा जा रहा था।
हरियाणा के गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 198 दर्ज किया गया, इसके बाद फरीदाबाद में 167, पानीपत में 124, भिवानी में 109, सोनीपत में 88, कैथल में 81, रोहतक में 73, सिरसा और जींद में 70-70 और फतेहाबाद में 68 दर्ज किया गया।
पंजाब में, मंडी गोबिंदगढ़ में एक्यूआई 147 दर्ज किया गया, इसके बाद अमृतसर में 111, बठिंडा में 60, जालंधर में 55, लुधियाना में 45 और खन्ना में 49 दर्ज किया गया।
पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में एक्यूआई 110 रहा।

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