लाहौर, आठ नवंबर जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 60 से अधिक कार्यकर्ताओं को सैन्य प्रतिष्ठानों पर नौ मई के हमले के मामले में लाहौर में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पीटीआई की ओर से इस कार्रवाई को ‘अवैध फासीवादी कदम’ करार दिया गया है।
पाकिस्तान में आठ फरवरी,2024 को आम चुनाव कराने की घोषणा के बाद पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ देशभर में पुलिस कार्रवाई तेज हो गई है।
नौ मई और इसके तुरंत बाद पहले ही कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पीटीआई के मुताबिक, कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद सैन्य और राज्य सरकार के प्रतिष्ठानों पर हुए हमले के संबंध में उसके 10 हजार नेता और कार्यकर्ता मई की शुरुआत से जेल में हैं।
पुलिस के एक बयान में बुधवार को कहा, ‘‘पुलिस ने नौ मई को लाहौर स्थित कोर कमांडर हाउस पर हमले और एक प्लाजा (कथित तौर पर पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बेटे के स्वामित्व वाला) को जलाने समेत शहर के विभिन्न हिस्सों में हिंसा में शामिल 62 पीटीआई कार्यकर्ताओं को मंगलवार को गिरफ्तार किया।’’
इसमें कहा गया है कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है जो गिरफ्तारी से बच गए थे।
पुलिस के बड़े दल ने पीटीआई अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही के रिश्तेदार और पूर्व विधायक मेजर (आर) ताहिर सादिक को गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास पर भी छापा मारा। इलाही पहले से ही जेल में हैं।
पीटीआई के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मूनिस इलाही ने कहा कि पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ पंजाब पुलिस की क्रूरता चरम पर है और वह महिलाओं को भी नहीं बख्श रही।
पुलिस ने पीटीआई के 10,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया और 100 से अधिक पर सेना अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है।
पीटीआई की कोर कमेटी ने चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद भी पीटीआई कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ ‘सरकार की दमनकारी रणनीति और बदले की कार्रवाइयों’ की कड़ी निंदा की है।
कमेटी ने कहा, ‘‘हम चुनाव से पहले शांतिपूर्ण राजनीतिक गतिविधियों के खिलाफ सरकार की अवैध फासीवादी कार्रवाई की निंदा करते हैं। राष्ट्र ऐसे असमान चुनावी क्षेत्र में और राज्य के हस्तक्षेप के साथ आयोजित धांधलीयुक्त चुनावों को स्वीकार नहीं करेगा।’’ कमेटी की ओर से यह भी कहा गया कि मतदान की तारीख तय होने के बाद भी पीटीआई को चुनावी मैदान से बाहर करने और उसे समान अवसर से वंचित करने का निंदनीय प्रयास किया गया।
पीटीआई कोर कमेटी ने पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) से कहा कि वह चुनाव में धांधली पर डर के कारण चुप्पी अख्तियार करने से बचे और इसके बजाय देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करे।
कमेटी की ओर से ‘अनुचित’ कारावास का सामना दृढ़ता और साहस के साथ करने के लिए पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान की भी विशेष रूप से सराहना की गई।
सरकार के गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के आरोप में इमरान खान को रावलपिंडी स्थित अडियाला जेल में बंद किया गया है।