विदेश की खबरें | नेतन्याहू ने संघर्ष-विराम की मांग फिर से की खारिज, गाजा में मुख्य अस्पताल के पास लड़ाई हुई तेज

स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि अस्पताल में बिजली आपूर्ति ठप्प पड़ने और आवश्यक सामग्री की उपलब्धता घटने से हजारों चिकित्सा कर्मी, मरीज तथा विस्थापित फंसे हुए हैं।
इससे पहले, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संघर्ष-विराम की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय अपील को शनिवार को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि गाजा पट्टी में सत्तारूढ़ हमास चरमपंथियों को कुचलने के लिए इजराइल की लड़ाई ‘‘पूरी ताकत’’ के साथ जारी रहेगी।
टेलीविजन पर दिए संबोधन में नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि संघर्ष-विराम तभी संभव है, जब गाजा में चरमपंथियों द्वारा बंधक बनाए गए सभी 240 लोगों को मुक्त किया जाएगा।
इजराइल ने गाजा में हमास के 16 साल के शासन को खत्म करने और हमले करने की उसकी क्षमता को खत्म का संकल्प लिया है। उसने क्षेत्र में फंसे 23 लाख फलस्तीनियों पर युद्ध से पड़ने वाले असर के लिए हमास चरमपंथियों को दोषी ठहराया है।
गाजा शहर में, निवासियों ने शिफा अस्पताल के आसपास के क्षेत्र समेत विभिन्न इलाकों में रात भर भारी हवाई हमले और गोलाबारी होते रहने की जानकारी दी।
इजराइल ने हमास पर अस्पताल परिसर के अंदर और नीचे एक कमान पोस्ट बनाने का आरोप लगाया है। वहीं, हमास और अस्पताल के कर्मचारियों ने इन आरोपों से इनकार किया है।
अस्पताल में शरण लिए अहमद अल-बोरश नाम के व्यक्ति ने कहा, ‘‘हमने उनके आने के इंतजार में घबराहट में रात बिताई। वे बाहर हैं, लेकिन ज़्यादा दूर नहीं हैं।’’
अस्पताल और उसके आसपास की स्थिति का स्वतंत्र रूप से पता लगाना संभव नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि शिफा में अब भी 1,500 मरीज हैं, साथ ही 1,500 चिकित्सा कर्मी और 15,000 से 20,000 लोग आश्रय तलाश रहे हैं। हजारों लोग शिफा और अन्य अस्पतालों से भाग गए हैं। चिकित्सकों ने कहा कि हर किसी के लिए बाहर निकलना असंभव है।
फलस्तीनी रेड क्रिसेंट बचाव सेवा ने कहा कि गाजा सिटी का एक अन्य अस्पताल, अल-कुद्स, अब बंद हो गया है क्योंकि ईंधन खत्म हो गया है।
गाजा के एकमात्र बिजली संयंत्र को एक महीने पहले मजबूरन बंद कर दिया गया था, और इजराइल ने यह कहते हुए ईंधन के आयात पर रोक लगा दी थी कि हमास ईंधन का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए करेगा।
रेड क्रिसेंट के प्रवक्ता नेबल फरसाख ने कहा कि विस्थापित परिवारों, मरीजों और चिकित्सा कर्मियों समेत 6,000 लोग अस्पताल में फंसे हुए हैं।
युद्ध के छठे हफ्ते में प्रवेश करने के साथ ही इजराइल पर अस्थाई संघर्ष-विराम के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है।
सऊदी अरब में शनिवार को 57 देशों के मुस्लिम और अरब नेताओं की एक बैठक में युद्ध समाप्त करने का आह्वान किया गया। वहीं, लंदन में लगभग तीन लाख फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्वक मार्च निकाला। यह इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से शहर में सबसे बड़ा प्रदर्शन है।
नेतन्याहू ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि युद्ध के बाद गाजा का असैन्यकरण किया जाएगा और इजराइल, क्षेत्र में अपना सुरक्षा नियंत्रण बनाए रखेगा। यह रुख इजराइल के निकटतम सहयोगी अमेरिका द्वारा युद्ध के बाद के परिदृश्यों को लेकर व्यक्त किए गए विचारों के विपरीत है। अमेरिका ने कहा था कि वह क्षेत्र के फिर से इजराइल के कब्जे में जाने का विरोध करता है।
यह पूछे जाने पर कि सुरक्षा नियंत्रण से उनका क्या मतलब है, नेतन्याहू ने कहा कि चरमपंथियों को पकड़ने के लिए जब जरूरी हो, इजराइली सेना गाजा में प्रवेश करने में सक्षम होनी चाहिए।
गाजा के सबसे बड़े अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा था कि क्षेत्र के आखिरी जेनरेटर का ईंधन खत्म होने के चलते समय से पहले जन्मे तीन शिशु चार अन्य मरीजों की मौत हो गई। मंत्रालय ने कहा कि बिजली नहीं होने के चलते 36 और बच्चों की जान जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
चिकित्सकों के इस बयान के बाद इजराइल पर संघर्ष-विराम का दबाव बढ़ रहा है। हजारों घायलों, चिकित्सा कर्मियों और विस्थापित नागरिक युद्ध क्षेत्र में फंस हुये हैं।
नेतन्याहू ने ‘एनबीसी’ के ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम में जोर देकर कहा कि इजराइल ने जनरेटर चलाने के लिए शिफ़ा अस्पताल को ईंधन की पेशकश की थी लेकिन ‘उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया।’ गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय और रेड क्रॉस समेत अन्य पक्षों की ओर से नेतन्याहू के इस दावे पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
नेतन्याहू ने ‘सीएनएन’ से बात करते हुए जोर देकर कहा कि शिफा से ‘‘100 या उससे अधिक’’ लोगों को निकाला गया है और इजराइल ने सुरक्षित गलियारे बनाए हैं।
इजराइली सेना ने कहा था कि वह रविवार को शिशुओं को ले जाने में सहायता करेगी और वह अस्पताल के कर्मचारियों के संपर्क में है। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने निकासी और सुरक्षित गलियारों के दावों का खंडन किया है, और अस्पताल में आश्रय ले रहे लोगों ने कहा है कि वे बाहर जाने से डर रहे हैं।
इजराइल ने शिफा अस्पताल को हमास की मुख्य कमान चौकी बताते हुए कहा है कि आतंकवादी वहां नागरिकों का ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्होंने इसके नीचे बंकर बना रखे हैं। इस दावे का हमास के साथ ही शिफा प्रशासन ने खंडन किया है। हाल के दिनों में, उत्तरी गाजा में शिफा और अन्य अस्पतालों के पास लड़ाई तेज हो गई है, जिससे वहां जरूरी चीजों की आपूर्ति ठप पड़ गई है।
शिफा के निदेशक मोहम्मद अबू सेल्मिया ने गोलियों और विस्फोटों की आवाज के बीच फोन पर बात करते हुए कहा, “बिजली नहीं है। चिकित्सा उपकरण बंद हो गए हैं। मरीजों, विशेष रूप से आईसीयू में रखे गए मरीजों की मौत होने लगी है।’’
अबू सेल्मिया ने कहा कि इजराइली सैनिक ‘अस्पताल के बाहर या अंदर किसी को भी गोली मार रहे हैं’ और परिसर में इमारतों के बीच आवाजाही रोक दी है।
इजराइल की सेना ने अस्पताल के बाहर झड़प की पुष्टि की, लेकिन रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने इस बात से इनकार किया कि शिफा की घेराबंदी की गई है। उन्होंने कहा कि सैनिक शिफा में इलाज करा रहे शिशुओं को वहां से दूसरी जगह ले जाने में रविवार को मदद करेंगे। हगारी ने दावा किया, ‘‘हम अस्पताल के कर्मचारियों के साथ सीधे और नियमित रूप से बात कर रहे हैं।’’
इजराइल के सैन्य खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख अमोस याडलिन ने ‘चैनल 12’ से कहा कि चूंकि इजराइल का लक्ष्य हमास को कुचलना है, इसलिए अस्पतालों पर नियंत्रण कायम करना महत्वपूर्ण होगा, लेकिन इस दौरान मरीजों, अन्य नागरिकों और इजराइली बंधकों को नुकसान न पहुंचे, इसका भी ध्यान रखना होगा।

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