विदेश की खबरें | युद्ध के कारण उत्तरी गाजा हो रहा खाली, दक्षिण में मानवीय संकट गहराया

मानवीय मामलों के समन्वय से संबंधित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि उत्तर में केवल एक अस्पताल मरीजों को भर्ती करने में समर्थ है, अन्य सभी अस्पताल अब काम करने में सक्षम नहीं हैं और इनमें से ज्यादातर आश्रय गृह के रूप में संचालित हो रहे हैं जहां पर युद्ध के कारण विस्थापित लोग शरण ले रहे हैं।
गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल ‘शिफा’ भी इजराइली सेना से घिरा है जहां 36 बच्चों की जान जोखिम में है क्योंकि वहां ‘इनक्यूबेटर’ के लिए बिजली उपलब्ध नहीं है।
हमास की ओर से अचानक हमले के बाद शुरू हुआ युद्ध अब छठे सप्ताह में प्रवेश कर गया है। हमास के उग्रवादियों ने हमला करके सैकड़ों नागरिकों को मार दिया था और करीब 240 लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ गाजा ले गये थे।
इजराइल ने लगभग तीन सप्ताह तक भारी हवाई हमले किए और इसके बाद उत्तर में सेना और टैंक भेजे। युद्ध में जहां हजारों फलस्तीनी नागरिकों को जान गंवानी पड़ी है, वहीं इससे बड़े पैमाने पर तबाही भी हुई।
इजराइल ने नागरिकों से उत्तर में गाजा शहर और आसपास के इलाकों को खाली करने का अनुरोध किया है, लेकिन सेना से घिरे क्षेत्र का दक्षिणी हिस्सा भी ज्यादा सुरक्षित नहीं है। इजराइल उत्तर से दक्षिण तक लगातार हवाई हमले करता है। इजराइल कहता है कि वह आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर रहा है लेकिन इसमें अक्सर महिलाओं और बच्चों की मौत होती है।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा दक्षिण में संचालित आश्रय गृहों में लोगों की बहुत अधिक भीड़ है। आश्रय गृहों में लोगों की भीड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि औसतन 160 लोगों के इस्तेमाल के लिए केवल एक शौचालय है।
कुल मिलाकर करीब 15 लाख फलस्तीनी अपना घर छोड़ चुके हैं और यह संख्या गाजा की कुल आबादी की करीब दो तिहाई है।
लोगों को रोटी और पानी के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता है। कूड़ा-कचरा जमा हो रहा है और नालों का पानी सड़कों पर बह रहा है। नल से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है क्योंकि पानी की आपूर्ति करने वाले पंप और शोधन संयंत्रों के लिए बिजली या अन्य ईंधन उपलब्ध नहीं है।
इजराइल ने युद्ध की शुरुआत के बाद यह कहते हुए ईंधन आयात पर रोक लगा दी है कि हमास इसका इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए करेगा।
फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी, जो दक्षिण में स्कूलों और अन्य सुविधाओं में शरण लिए हुए 6,00,000 से अधिक लोगों को बुनियादी सेवाएं प्रदान करने के लिए जूझ रही है, ने कहा कि बुधवार तक उसका ईंधन खत्म हो सकता है। एजेंसी ने कहा कि ईंधन खत्म होने पर उसे अधिकांश सहायता अभियान रोकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
एजेंसी ने कहा कि वह मिस्र के राफा क्रॉसिंग (बाहरी दुनिया से गाजा के संपर्क का एकमात्र स्थान) के माध्यम से भोजन और दवा की सीमित आपूर्ति जारी रखने में असमर्थ है।
इस्राइली सेना क्षेत्र के मुख्य शहर गाजा सिटी के केंद्र में फलस्तीनी आतंकवादियों से लड़ रही है, वहीं दोनों पक्ष अस्पतालों की दुर्दशा का अपने-अपने हित में इस्तेमाल कर रहे हैं। शिफा में नवजात शिशुओं को गर्म रखने की कोशिश कर रहे चिकित्सकों की तस्वीरें व्यापक रूप से प्रसारित हुई हैं।
इजराइल ने हमास पर अस्पतालों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इजराइल ने कोई दृश्य साक्ष्य प्रदान किए बिना आरोप लगाया है कि हमास ने शिफा अस्पताल और उसके नीचे अपना मुख्य ‘कमांड सेंटर’ स्थापित किया है। लेकिन शिफा अस्पताल के कर्मचारियों और हमास, दोनों ने इजराइली आरोपों से इनकार किया है।
इजराइली सेना ने सोमवार को बच्चों के एक अस्पताल का फुटेज जारी किया जहां सप्ताहांत के दौरान सैनिकों ने प्रवेश किया था। इस फुटेज में हथियारों को दिखाया गया है और कहा गया कि इसे अस्पताल के तहखाने में स्थित कमरों से बरामद किया गया। इजराइल का मामना है कि इन कमरों में उग्रवादियों ने बंधक बनाए गए लोगों को रखा था।
हमास शासित गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोपों को खारिज करते हुए अपने बयान में कहा कि वीडियो में दिखाया गया तहखाना अस्पताल का हिस्सा था और इसे विस्थापित लोगों के लिए आश्रय स्थल में बदल दिया गया था।
बयान में कहा गया, ‘‘बंदूक की नोक पर अस्पताल को जबरदस्ती खाली करा लिया गया… उन्होंने विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति या कथित बंधकों को हिरासत में क्यों नहीं लिया?’’
हमास ने इस इस बात से इनकार किया कि यह अस्पताल उस सुरंग से संबंधित था जिसे इजराइली सेना ने इसके पास में खोजा था।
इस बीच, शिफा अस्पताल के आसपास सोमवार को गोलीबारी और विस्फोट हुए, जिसे इजराइली सैनिकों ने सप्ताहांत में घेर लिया था। पिछले कुछ दिनों में हजारों लोगों ने अस्पताल से भागकर दक्षिणी गाजा पट्टी की ओर रुख किया है जिनमें बड़ी संख्या में विस्थापित लोग भी शामिल हैं जिन्होंने वहां शरण ले रखी थी।
कई हफ्तों से आपूर्ति की कमी से जूझ रहे शिफा अस्पताल के स्टाफ ने ‘एनेस्थीसिया’ के बिना और एंटीसेप्टिक के रूप में ‘विनेगर’ का इस्तेमाल करते हुए युद्ध के घायलों (जिनमें बच्चे भी शामिल हैं) की सर्जरी की है।
सप्ताहांत में सामूहिक पलायन के बाद करीब 650 मरीज और 500 कर्मचारी अस्पताल में रह गए हैं और अस्पताल अब काम नहीं कर सकता है। लगभग 2,500 विस्थापित फलस्तीनी थोड़े से भोजन और पानी के साथ अंदर शरण लिए हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को उसके ‘आपातकालीन जेनरेटर’ का ईंधन खत्म हो जाने के बाद से तीन शिशुओं सहित 32 मरीजों की मौत हो गई है। इसमें कहा गया है कि 36 शिशुओं के साथ-साथ अन्य मरीजों की जान भी जोखिम में है क्योंकि जीवन रक्षक उपकरण काम नहीं कर सकते।
इजराइली सेना ने मंगलवार तड़के एक बयान में कहा कि उसने कई ‘इनक्यूबेटर’ को इजरायल से शिफा में स्थानांतरित करने का प्रयास शुरू कर दिया है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि यदि इनक्यूबेटर पहुंचाए गए, तो उन्हें संचालित कैसे किया जाएगा।
गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार युद्ध शुरू होने के बाद से गत शुक्रवार तक 11,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं जिनमें दो-तिहाई महिलाएं और नाबालिग थे। इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि कितने आम नागरिक हैं और कितने चरमपंथी। करीब 2700 लोग लापता हैं।

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