देश की खबरें | केरल में किसान के आत्महत्या करने को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ा

अलप्पुझा (केरल),11 नवंबर केरल में अलप्पुझा के कुट्टनाड क्षेत्र में एक किसान ने कथित तौर पर सरकार द्वारा खरीदी गई धान की फसल का भुगतान नहीं मिलने के चलते आर्थिक समस्याओं के कारण शनिवार को आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी।
किसान के. जी प्रसाद द्वारा कथित तौर पर लिखा सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार तथा कुछ बैंक उसकी मौत के लिये जिम्मेदार हैं। इस पत्र के सामने आने के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान पास के तिरुवल्ला में एक अस्पताल पहुंचे, जहां मृत व्यक्ति का शव रखा गया था। खान ने कहा कि राज्य में किसान भारी संकट का सामना कर रहे हैं और वह “प्रसाद के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।”
प्रसाद की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने आरोप लगाया कि सरकार धान की खरीद में विफल रही और किसानों का भुगतान महीनों से बकाया है।
पुलिस ने बताया कि यहां तकाझी के आंबेडकर कॉलोनी निवासी प्रसाद ने शुक्रवार रात को जहर खा लिया, उसे तिरुवल्ला के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार तड़के उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने अभी तक यह पुष्टि नहीं की है कि क्या आर्थिक संकट के कारण उसने यह कदम उठाया, लेकिन प्रसाद के दोस्तों और अन्य किसानों ने आरोप लगाया कि किसान (प्रसाद) को सरकार से उसकी खरीदी गई फसल के लिये भुगतान नहीं मिला, जिसके कारण उसने यह कदम उठाया।
प्रसाद द्वारा कथित तौर पर लिखे गए सुसाइड नोट को आज सुबह कुछ समाचार चैनल ने अपनी खबर में दिखाया।
एक वीडियो कॉल के दृश्य भी चैनलों द्वारा प्रसारित किए गए। यह कॉल प्रसाद ने कथित तौर पर आत्महत्या से ठीक पहले की थी।
वीडियो कॉल पर बातचीत में भावुक दिख रहे प्रसाद को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह एक असफल व्यक्ति है और बैंक कम ‘सिबिल स्कोर’ के कारण उसे ऋण देने से इनकार कर रहे हैं।
प्रसाद ने यह आरोप भी लगाया कि उसे ‘पैडी रिसीट शीट (पीआरएस)’ योजना के तहत फसल कटाई के बाद ऋण के रूप में पिछले सीज़न के लिए धान खरीद मूल्य प्राप्त हुआ था और इसे चुकाने में सरकार की विफलता के कारण बैंकों ने इस बार उसे ऋण देने से इनकार कर दिया।
एक किसान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यद्पि सरकार ने प्रसाद से धान की खरीद की थी, लेकिन उसने उसे फसल का भुगतान नहीं किया, बल्कि उसे ऋण के तौर पर धन दिया गया।
एक अन्य किसान ने कहा, ‘‘राज्य सरकार को इस ऋण राशि का भुगतान बैंक को करना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। स्वाभाविक रूप से इससे प्रसाद का सिबिल स्कोर कम हो गया। जब उसने ऋण के लिए हाल में बैंक से संपर्क किया, तो बैंक अधिकारियों ने कम सिबिल स्कोर का हवाला देते हुए उसे धन देने से इनकार कर दिया।’’
हालांकि, पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि इस बात की पुष्टि होनी अभी बाकी है कि किसान ने अर्थिक संकट के कारण यह कदम उठाया।
उन्होंने ‘पीटीआई-’ को बताया, ‘‘ हमें जो (परिजनों से) पता चला है, उसके अनुसार प्रसाद के करीबी किसी व्यक्ति का हाल में निधन हो गया था और इससे प्रसाद अवसाद में था।’’

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