चंडीगढ़, 10 नवंबर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को किसानों को खेतों में धान की पराली जलाने से रोकने के लिए नकद प्रोत्साहन देने पर जोर दिया।
इसके साथ ही, मान ने कहा कि राज्य सरकार फसल अवशेषों को जलाने से रोकने के लिए कई कदम उठा रही है और अगले कटाई के मौसम के दौरान इस चलन को रोकने के विकल्पों पर विचार करने के लिए बैठकें आयोजित की गई हैं।
विभिन्न सरकारी विभागों में भर्ती होने वाले लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत के दौरान, मान ने फसल अवशेषों को आग लगाने की प्रथा को रोकने के लिए किसानों को नकद प्रोत्साहन देने की वकालत की।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बीच, उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि फसल अवशेष जलाना ‘तत्काल’ रोका जाए । अदालत ने यह भी कहा कि प्रदूषण के कारण ‘लोगों को मरने’ के लिये नहीं छोड़ सकते हैं ।
शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब और दिल्ली से सटे कुछ अन्य राज्यों में फसल अवशेष जलाना बंद करना होगा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए समाधान ढूंढना होगा।
मान ने कहा कि केंद्र किसानों को प्रेरित करने की बात करता है ताकि वे फसल अवशेष न जलाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी जोर देकर कहा कि यह मुद्दा अर्थव्यवस्था से जुड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र किसानों को प्रेरित करना चाहता है लेकिन मुद्दा अर्थव्यवस्था से जुड़ा है।’’
मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष से कहा कि अगर केंद्र 1,000 रुपये देता है, तो राज्य 1,500 रुपये का योगदान दे सकता है ताकि किसानों को धान की पराली न जलाने के लिए प्रति एकड़ कुल 2,500 रुपये दिए जा सकें।
उन्होंने दावा किया, ‘‘हालांकि वे इस पर सहमत नहीं हुए।’’
मान ने कहा, ‘पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए हम काफी प्रयास कर रहे हैं। हम बैठकें भी कर रहे हैं और अगले सत्र के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।’’