जरुरी जानकारी | सेबी ने निवेशकों के लिये बिना दावे वाली राशि प्राप्त करने के लिये प्रक्रिया को सुगम बनाया

नयी दिल्ली, आठ नवंबर बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को सूचीबद्ध गैर-परिवर्तनीय प्रतिभूतियों से संबद्ध इकाइयों, रीट और इनविट के पास पड़े निवेशकों की बिना दावे वाली राशि के मामले से निपटने के लिये प्रक्रिया तय की।
इसके साथ ही नियामक ने निवेशकों के ऐसी बिना दावे वाली राशि पर दावा करने के उपाय भी बताये हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय (सेबी) बोर्ड ने तीन अलग-अलग परिपत्रों में कहा कि नई व्यवस्था एक मार्च, 2024 से प्रभाव में आएगी।
इस कदम का उद्देश्य निवेशकों के लिये बिना दावे वाली राशि को लेकर दावा प्रक्रिया को सुगम बनाना है।
उल्लेखनीय है कि सेबी निदेशक मंडल ने सितंबर में आईपीईएफ (निवेशक संरक्षण और शिक्षा कोष) खुलासा, रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी), और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) के नियमों में संशोधन को मंजूरी दी थी। उसके बाद सेबी ने उक्त कदम उठाया है।
परिपत्रों के अनुसार, सेबी ने रीट, इनविट और सूचीबद्ध संस्थाओं (जो कंपनियां नहीं हैं) के एस्क्रो खातों में पड़ी बिना दावे वाली राशि को संभालने, ऐसी राशि को निवेशक संरक्षण और शिक्षा कोष में स्थानांतरित करने तथा निवेशकों के उसपर दावा करने के तरीके को निर्धारित किया है।
इसके अतिरिक्त, नियामक ने सूचीबद्ध इकाई, रीट और इनविट एस्क्रो खातों में ऐसी राशि के हस्तांतरण के लिये और निवेशकों के इसके दावे को लेकर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को मानकीकृत किया है।
निवेशक अपनी बिना दावा वाली राशि प्राप्त करने के लिये प्रतिभूति सूचीबद्ध से जुड़ी इकाई/रीट/इनविट से संपर्क कर सकते हैं। इससे निवेशकों के लिये दावा प्रक्रिया सुगम होगी।
नियम के तहत, सात साल की अवधि तक अगर राशि का दावा नहीं किया जाता है, तो एस्क्रो खाते में हस्तांतरित ऐसी कोई भी राशि निवेशक संरक्षण और शिक्षा कोष में स्थानांतरित कर दी जाएगी।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *