देश की खबरें | सोरेन ने सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों बाहर निकालने में देरी पर चिंता जतायी

रांची, 22 नवंबर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में एक निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकाले जाने में हो रही देरी पर बुधवार को चिंता व्यक्त की।
सोरेन ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि झारखंड के अधिकारियों का एक दल मौके पर इंतजार कर रहा है ताकि राज्य के श्रमिकों को सुरंग से निकाले जाने के तुरंत बाद उन्हें वहां से हवाई मार्ग से लाया जा सके।
उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा से डंडालगांव सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से 15 झारखंड के हैं।
सोरेन ने कहा, “सुरंग ढहने को दस दिन बीत चुके हैं। लेकिन इसको लेकर कोई निश्चित समय नहीं है कि जो मजदूर फंसे हुए हैं वे कब बाहर आएंगे।”
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में यह पहली घटना नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं पिछले वर्षों में भी हुई थी और झारखंड के कई श्रमिकों की जान चली गई थी।
सोरेन ने परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ऐसी परियोजना में (जैसे कि उत्तरकाशी में) सावधानी बहुत आवश्यक है। ऐसा लगता है कि केंद्र की ओर से श्रमिकों के प्रति संवेदनशीलता की कमी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फंसे हुए श्रमिकों को भोजन और पानी उपलब्ध कराने से उद्देश्य पूरा नहीं होगा। हमें उस मानसिक पीड़ा को समझना होगा, जिससे वे गुजर रहे हैं।’’
झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि विभाग सुरंग में फंसे झारखंड के 15 मजदूरों के परिवारों के संपर्क में है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “झारखंड सरकार श्रमिकों को सुरंग से निकाले जाने के बाद उत्तरकाशी से झारखंड लाने का पूरा खर्च वहन करने को तैयार है।’’

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