देश की खबरें | तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक ने राज्यपाल रवि की आलोचना की

चेन्नई, 14 नवंबर तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के आधिकारिक मुखपत्र ‘मुरासोली’ में मंगलवार को आरोप लगाया गया कि राज्यपाल आरएन रवि के सार्वजनिक भाषण खुद को ‘सनातन’ के रक्षक के रूप में स्थापित करने का प्रयास थे।
तमिल दैनिक ने आरोप लगाया कि वैचारिक आधार पर राज्यपाल रवि के ऐसे भाषण सामाजिक न्याय के खिलाफ केवल ‘दुष्प्रचार’ हैं।
तमिल दैनिक के संपादकीय में पृष्ठभूमि के रूप में द्रमुक सरकार द्वारा हाल में राजभवन पर विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को दबाए रखने का आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख करने का उल्लेख किया गया है। ‘मुरासोली’ में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि शीर्ष अदालत ने राज्यपालों से संबंधित मामले में कुछ सख्त बातें की हैं।
दैनिक ने कहा कि जब से रवि ने राज्यपाल का पद संभाला है तब से वह द्रमुक शासन के लिए जिस तरह की परेशानी पैदा कर रहे हैं वह छोटी बात नहीं है। अन्य बातों के अलावा संपादकीय में 12 लंबित विधेयकों, चार आधिकारिक आदेशों और 54 कैदियों की समयपूर्व रिहाई से संबंधित एक फाइल का जिक्र किया गया है।
‘मुरासोली’ में लिखा गया है कि रवि द्वारा सार्वजनिक रूप से दिए गए भाषणों को ‘‘अर्थहीन’’ कहकर खारिज कर दिया जाना चाहिए और यह खुद को ‘‘दार्शनिक विद्वान’’, ‘‘सनातन’’ के रक्षक और इसके मार्गदर्शक के रूप में स्थापित करने का उनका प्रयास था।
द्रमुक के मुखपत्र में आरोप लगाया गया कि राज्यपाल के भाषणों का सार सामाजिक न्याय के खिलाफ ‘‘दुष्प्रचार’’ है।

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