चेन्नूर/मंथनी (तेलंगाना), सात नवंबर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को आरोप लगाया कि यह कांग्रेस पार्टी ही थी जिसने संसदीय चुनाव (1950 के दशक में) में डॉ बी आर आंबेडकर को हराया था तथा उनकी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) दलितों के कल्याण के लिए खड़ी है।
राव ने यहां एक चुनावी रैली में कहा कि यह उनकी सरकार थी जिसने राजधानी हैदराबाद में राज्य सचिवालय के पास आंबेडकर की दुनिया की सबसे ऊंची 125 फुट की प्रतिमा स्थापित की और अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए दलित बंधु जैसी योजनाएं भी शुरू कीं।
केसीआर ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगते हुए लोगों से कहा कि वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने से पहले राजनीतिक दलों के कार्य निष्पादन रिकॉर्ड से अवगत रहें, क्योंकि वोट अगले पांच वर्षों के भाग्य का फैसला करेगा।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘दलितों को (अन्य दलों द्वारा) वोट-बैंक के रूप में इस्तेमाल किया गया। बीआरएस सरकार अंतिम दलित परिवार को दलित बंधु का लाभ मिलने तक काम करेगी। आंबेडकर ने दलितों के लिए बहुत संघर्ष किया। यह कांग्रेस पार्टी ही थी जिसने (पहले) संसदीय चुनाव में उनकी (आंबेडकर की) हार सुनिश्चित की थी। संसदीय चुनाव में आंबेडकर को किसने हराया, इसका इतिहास आपको जानना चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें हराया और उनकी विचारधारा को लागू नहीं किया।’’
भाजपा पर निशाना साधते हुए राव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हवाई अड्डों, बंदरगाहों, रेलवे और कोयला खदानों को भी बेच रही है।
राव ने कहा कि यह उनकी सरकार थी जिसने एससीसीएल के मुनाफे को बढ़ाया। जनसभा में ज्यादातर सिंगरेनी कोइलीरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के श्रमिक और कर्मचारी शामिल थे।
राव ने आरोप लगाया, ‘‘यह अक्षम और बेकार कांग्रेस सरकार (पूर्ववर्ती) कंपनी (एससीसीएल) को चलाने में असमर्थ थी। इसने (तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने) केंद्र से ऋण लिया और चूंकि यह ऋण चुका नहीं सकी, इसलिए उसने 49 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र को बेच दी। आप लोगों को पूछना चाहिए कि केंद्र को 49 प्रतिशत हिस्सेदारी किसने दी।’’
उन्होंने कहा कि बीआरएस पार्टी का गठन तेलंगाना राज्य का दर्जा हासिल करने और जनादेश मिलने पर इसका विकास करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ हुआ था।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी देश में पर्याप्त राजनीतिक परिपक्वता नहीं आयी है और ऐसी व्यवस्था की जरूरत है जिसमें चुनाव में नेताओं की नहीं बल्कि लोगों की जीत हो।
तेलंगाना में कांग्रेस नेताओं को “कठपुतली” करार देते हुए राव ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी ही थी, जिसने यहां के लोगों की इच्छा के खिलाफ 1956 में तेलंगाना का विलय आंध्र प्रदेश के साथ कर दिया था।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना राज्य गठन से पहले 10 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी उचित पेयजल या सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रही।
राव ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस पार्टी ही थी जिसने आश्वासन के बावजूद तेलंगाना के गठन में 14-15 साल की देरी की।
केसीआर ने लोगों से कांग्रेस पार्टी को हराने के लिए कहा क्योंकि उसके नेता कह रहे हैं कि वे राज्य सरकार के एकीकृत भूमि प्रबंधन पोर्टल धरणी को खत्म कर देंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस में पार्टी टिकटों की खरीद-फरोख्त हो रही है। उन्होंने सवाल किया कि तेलंगाना में लागू की जा रहीं सभी योजनाएं कांग्रेस पार्टी शासित राज्यों में प्रदान क्यों नहीं की जाती हैं।
बीआरएस सरकार की उपलब्धियां बताते हुए उन्होंने कहा कि एससीसीएल का मुनाफा 2014 में 419 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 2,184 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार ने राज्य के स्वामित्व वाली कोयला खदान के श्रमिकों और कर्मचारियों को बोनस के रूप में लगभग 1,000 करोड़ रुपये दिए हैं।
राव के मुताबिक, जब कांग्रेस सत्ता में थी तो एससीसीएल कर्मियों को कंपनी के मुनाफे में से 18 फीसदी हिस्सा मिलता था और अब बीआरएस सरकार ने इसे बढ़ाकर 32 फीसदी कर दिया है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना एकमात्र राज्य है जो किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली प्रदान करता है और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गृह राज्य गुजरात भी ऐसी सुविधा प्रदान नहीं करता है।