जरुरी जानकारी | अर्थव्यवस्था की बढ़ती ऊर्जा मांग से नहीं होगा ‘समझौता’, जिम्मेदारी से आगे बढ़ेंगे: आर के सिंह

नयी दिल्ली, 14 नवंबर भारत अपनी अर्थव्यवस्था की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए किसी तरह का ‘समझौता’ नहीं करेगा। केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने मंगलवार को यह बात कही। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि देश जिम्मेदारी के साथ उत्पादन क्षमता विकसित करेगा।
उन्होंने यहां चल रहे भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला-2023 में बिजली मंत्रालय के ‘विद्युत मंडप’ के उद्घाटन समारोह में कहा कि विकसित देशों को पहले अपने उत्सर्जन में कटौती करने की जरूरत है।
मंत्री ने आगामी सीओपी28, 2023 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के मद्देनजर भारत की स्थिति की चर्चा भी की।
सिंह ने कहा कि विकसित देशों को सबसे पहले अपने उत्सर्जन में कटौती करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘वायुमंडल में लगभग 85 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड विकसित देशों द्वारा किए गए औद्योगीकरण के कारण है। भारत की जनसंख्या, विश्व आबादी का 17 प्रतिशत है, जबकि कार्बन डाइऑक्साइड भार में हमारा योगदान केवल 3.5 प्रतिशत है।’’
उन्होंने कहा कि हमारा प्रति व्यक्ति उत्सर्जन विश्व औसत का एक-तिहाई है, जबकि विकसित देशों का उत्सर्जन विश्व औसत का तीन गुना है।
सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अर्थव्यवस्था की बढ़ती मांग के लिए बिजली की जरूरतों पर कोई समझौता नहीं करने जा रहा है। साथ ही हम इसे जिम्मेदारी से आगे बढ़ाएंग।
उन्होंने कहा कि हमने 2015 में सीओपी-21 में वादा किया था कि हम 2030 तक अपनी उत्सर्जन तीव्रता को 33 प्रतिशत तक कम कर देंगे, हमने यह लक्ष्य 2019 तक हासिल कर लिया।

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