देश की खबरें | लोकसभा की आचार समिति की बैठक से पहले मोइत्रा और दुबे के बीच वार-पलटवार

नयी दिल्ली, सात नवंबर तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को दावा किया कि कांग्रेस के एक सदस्य को कार्यवाही से दूर रखने और रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकारने के लिए लोकसभा की आचार समिति की बैठक स्थगित की गई, जिस पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने तीखा प्रतिवाद किया।
भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली लोकसभा आचार समिति मोइत्रा के खिलाफ ‘रिश्वत लेकर संसद में प्रश्न पूछने’ के आरोपों पर अपनी मसौदा रिपोर्ट पर विचार करने और उसे अपनाने के लिए मंगलवार को बैठक करने वाली थी, हालांकि बैठक अब 9 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
मोइत्रा ने दावा किया कि समिति की कोई मसौदा रिपोर्ट सदस्यों को वितरित नहीं की गई और भाजपा नेता बहुमत से रिपोर्ट को अपनाने के लिहाज से सहयोगी दलों के सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनसे संपर्क कर रहे थे।
मोइत्रा के खिलाफ शिकायत करने वाले दुबे ने तृणमूल कांग्रेस सांसद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह उनका खुद को दोषी मानना है जो उन्हें संसदीय समिति की कार्यवाही के बारे में चिंता करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कोई मसौदा रिपोर्ट वितरित नहीं की गई है, लेकिन इसे 9 नवंबर को ‘स्वीकारा’ जाएगा। कांग्रेस सांसद के नामांकन की तारीख वाले दिन के लिए बैठक स्थगित कर दी गई, ताकि वह बैठक में नहीं आ सकें। भाजपा सहयोगियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनसे संपर्क साध रही है ताकि रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकारा जाए। मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष को लाने के लिए चार्टर्ड फ्लाइट उड़ान भरेगी। अडाणी और मोदी कितने डरे हुए हैं।’’
कांग्रेस के लोकसभा सदस्य और आचार समिति के सदस्य उत्तम कुमार रेड्डी तेलंगाना विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी हैं।
दुबे ने पलटवार करते हुए ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘डर किस बात का, आचार समिति की बैठक में कौन आएगा? मसौदा वितरित हुआ या नहीं? रिपोर्ट में क्या है? यह भय दिखाता है या यूं कहें कि चोर की दाढ़ी में तिनका। इंतज़ार करना चाहिए, सनसनी फैलाने का समय हीरानंदानी के साथ ख़त्म।’’
समिति में शामिल विपक्षी सदस्य असहमति का नोट दे सकते हैं।
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि इसके सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी और वी वैथिलिंगम असहमति नोट सौंपेंगे। बसपा सदस्य कुंवर दानिश अली भी अपना असहमति नोट दे सकते हैं।
आचार समिति के 15 सदस्यों में सात भाजपा के, तीन कांग्रेस के और एक-एक सदस्य बसपा, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, माकपा और जदयू हैं।

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