देश की खबरें | डब्ल्यूएचओ ने टीबी पर भारत की सफलता को सराहा: स्वास्थ्य मंत्रालय

नयी दिल्ली, आठ नवंबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी वैश्विक टीबी रिपोर्ट में 2015 के बाद से तपेदिक (टीबी) की घटनाओं में 16 प्रतिशत और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर में 18 प्रतिशत की कमी लाने को लेकर भारत की सराहना की है।
वैश्विक टीबी रिपोर्ट , 2023 के मुताबिक भारत ने ट्यूबर क्लोसिस (टीबी) मरीजों का पता लगाने की प्रक्रिया में सुधार किया है और टीबी कार्यक्रम में प्रगति से कोविड-19 के असर को कम करने में मदद मिली।
मंत्रालय ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘‘अनुमानित टीबी मरीजों का उपचार कवरेज बढ़कर 80 प्रतिशत हो गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है।’’
मंत्रालय ने कहा, ‘‘विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संशोधित टीबी मृत्यु दर को 2021 के 4.94 लाख से घटाकर 2022 में 3.31 लाख कर दिया है, जो 34 प्रतिशत से अधिक की कमी है।’’
वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2022 में, डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत के लिए डेटा को ‘अंतरिम’ के रूप में प्रकाशित करने पर सहमति व्यक्त जताई थी। साथ ही सहमति बनी थी कि विश्व निकाय आंकड़ों को अंतिम रूप देने के लिए मंत्रालय की तकनीकी टीम के साथ काम करेगा। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ की तकनीकी टीम की 50 से अधिक बैठकें हुईं।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ड्ब्ल्यूएचओ की टीम ने प्रस्तुत किए गए सभी आंकड़ों की गहनता से समीक्षा की और देश की ओर से किए गए प्रयासों को न केवल स्वीकारा बल्कि सराहा भी। इस वर्ष, वैश्विक टीबी रिपोर्ट ने भारत के लिए विशेष रूप से टीबी से संबंधित मृत्यु दर के आंकड़ों में कमी के साथ संशोधित अनुमानों को स्वीकार कर उसे प्रकाशित किया है।’’

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