नयी दिल्ली, सात नवंबर दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मंगलवार को कहा कि वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंचने के मद्देनजर जीआरएपी का चौथा चरण लागू होने के बावजूद प्रदूषण फैलाने वाले वाहन बिना रोक-टोक शहर में दाखिल हो रहे हैं।
उन्होंने अधिकारियों को सीमाओं पर उचित जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के चौथे चरण के तहत राजधानी में सभी प्रकार के निर्माण कार्यों और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध शामिल है। रविवार को राजधानी में वायु गुणवत्ता “गंभीर+” (एक्यूआई 450 से ऊपर) स्तर तक पहुंच गया, जिसके चलते जीआरएपी का चौथा चरण लागू कर दिया गया।
गहलोत की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है, “दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर है और इसके परिणामस्वरूप वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जीआरएपी का चौथा चरण लागू किया गया है। हालांकि, मेरे संज्ञान में आया है कि पड़ोसी राज्यों से प्रदूषण फैलाने वाले वाहन बिना किसी रोक-टोक के दिल्ली की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति की बहुत बारीकी से निगरानी कर रहा है।
उन्होंने आगाह किया कि “इस संबंध में कोई भी ढिलाई बरतने पर सख्ती की जा सकती है।”
यह निर्देश दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अध्यक्ष, प्रमुख सचिव, पर्यावरण और परिवहन आयुक्त को भेजा गया है।