जयपुर, नौ नवंबर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी सहयोगी और जोधपुर के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने बृहस्पतिवार को अपना नामांकन वापस ले लिया और बाद में भाजपा में शामिल हो गये।
दाधीच ने सूरसागर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था।
वहीं, जयपुर में भाजपा उम्मीदवार राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के खिलाफ झोटवाड़ा से नामांकन दाखिल करने वाले पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने आज पार्टी आलाकमान से बातचीत के बाद अपना नामांकन वापस ले लिया।
भाजपा में शामिल होने के बाद दाधीच ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निर्णय लेने की क्षमता के कारण भाजपा में शामिल हुआ हूं। मैं उनसे लंबे समय से प्रभावित था। अगर वह प्रधानमंत्री नहीं होते तो राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पाता।’’
दाधीच राज्य के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सांसद राजेंद्र गहलोत की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए।
शेखावत ने दावा किया कि कांग्रेस की नीतियों और झूठे वादों से तंग आकर कांग्रेस और अन्य दलों के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश से कांग्रेस सरकार की विदाई का समय आ गया है।
चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान सिंह आक्या, डीडवाना से यूनुस खान, शिव से रवींद्र भाटी, खंडेला से बंशीधर बाजिया, कोटा के लाडपुरा से भवानी सिंह शेखावत, भीलवाड़ा के शाहपुरा से कैलाश मेघवाल और बाड़मेर से प्रियंका चौधरी सहित भाजपा के अन्य बागियों ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया और सभी निर्दलीय के रूप में मैदान में डटे हैं।
दूसरी ओर, बड़ी सादड़ी सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी, डूंगरपुर की चोरासी सीट से महेंद्र बरजोड़, सरदारशहर से राजकरण चौधरी और मसूदा से ब्रह्मदेव कुमावत ने अपना नाम वापस नहीं लिया और निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
नामांकन पत्र वापस लेने का बृहस्पतिवार को आखिरी दिन था। राज्य में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।