देश की खबरें | कर्नाटक : अजा से ताल्लुक रखने वाले मंत्री आंतरिक आरक्षण पर समिति की रिपोर्ट को मंजूरी देने का मुख्यमंत्री से करेंगे अनुरोध

बेंगलुरु,सात नवंबर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि वह और अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले अन्य मंत्री आंतरिक आरक्षण पर ए जे सदाशिव आयोग की रिपोर्ट को मंजूर करने और बेलगावी में विधानसभा के आगामी सत्र में उसे पेश करने का अनुरोध मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से करेंगे।
सामाजिक कल्याण मंत्री एच सी महादेवअप्पा ने कहा कि विधि विभाग और संबंधित मंत्रियों के साथ उचित विचार-विमर्श के बाद कानूनी तथा संवैधानिक ढांचे के तहत कोई निर्णय लिया जाना है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने आयोग की रिपोर्ट खारिज कर दी थी। आंतरिक आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय ने सात सदस्यीय संवैधानिक पीठ का गठन किया था।
दोनों मंत्रियों ने आदि जंबावा (मडिगा) समुदाय के लोगों से सदाशिव आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन करने के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री केएच मुनियप्पा के आह्वान के बारे में पूछे जाने पर यह बात कही।
मुनियप्पा ने आदि जंबावा सांस्कृतिक समिति की एक बैठक को संबोधित करते हुए समुदाय के लोगों से आक्रामक रुख अपनाने को कहा था। साथ ही उन्होंने उनसे रिपोर्ट को लागू करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते प्रत्येक विधायक और मंत्री के आवास पर जाने को कहा था।
दरअसल अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाला एक वर्ग आंतरिक आरक्षण की मांग कर रहा है और उसका आरोप है कि केवल कुछ प्रभावशाली उप-जातियां ही अधिकतर लाभ उठा रहीं है, वहीं अनेक सुमदाय अब भी हाशिए पर हैं।
परमेश्वर ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘‘ आंतरिक आरक्षण के मुद्दे पर विधानसभा चुनाव से पहले चित्रदुर्ग में हमारे अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति सम्मेलन में हमने (कांग्रेस) दस सूत्री चित्रदुर्ग घोषणापत्र अंगीकार किया था। उसमें हमने सत्ता में आने पर आंतरिक आरक्षण पर सदाशिव आयोग की रिपोर्ट को पहले ही सत्र में पेश करने का वादा किया था,लेकिन विभिन्न कारणों से ऐसा हो नहीं सका।’’
उन्होंने कहा कि बेलगावी में होने वाले दूसरे सत्र में इसे पेश करने के संबंध में जानकारी मुख्यमंत्री को दे दी गई है।
परमेश्वर ने कहा, ‘‘ मैं और मंत्री- महादेवअप्पा, मुनियप्पा, प्रियंक खरगे- मुख्यमंत्री को इसकी सूचना दे चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वे इन समुदायों के नेताओं से चर्चा बाद कोई निर्णय लेंगे। हम ये करेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि आंतरिक आरक्षण को सरकार द्वारा लागू किए जाने के संबंध में क्या कांग्रेस के भीतर किसी प्रकार का संशय है, तो इसपर परमेश्वर ने सरकार के भीतर किसी भी प्रकार के मतभेद से इनकार किया।

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