लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच का आदेश दिया है : निशिकांत दुबे

नई दिल्ली, 8 नवंबर : कथित ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में आरोपों का सामना कर रहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को दावा किया कि उनकी शिकायत के आधार पर भ्रष्टाचार-रोधी निकाय लोकपाल ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है. झारखंड के गोड्डा से भाजपा के लोकसभा सांसद दुबे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मेरी शिकायत के आधार पर लोकपाल ने आज राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली महुआ मोइत्रा के भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच का आदेश दिया है.”

दुबे की टिप्पणी, जिन्होंने पहले महुआ मोइत्रा के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की थी, पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से तृणमूल सांसद के खिलाफ आरोपों के मसौदे पर फैसला करने के लिए संसद की आचार समिति की बैठक से एक दिन पहले आई. महुआ 2 नवंबर को समिति के विपक्षी सदस्यों के साथ पैनल के अध्यक्ष विनोद सोनकर पर उनसे ‘व्यक्तिगत’ और ‘अनैतिक’ सवाल पूछने का आरोप लगाते हुए बैठक से बाहर चली गई थीं.

महुआ मोइत्रा ने आचार समिति पर कटाक्ष करते हुए मंगलवार को ट्वीट किया था, “कोई मसौदा रिपोर्ट मानक के रूप में प्रसारित नहीं की गई है, लेकिन उसे 9 नवंबर को ‘अपनाया’ जाएगा. कांग्रेस सांसद के नामांकन की तारीख के साथ टकराव के कारण बैठक स्थगित कर दी गई। भाजपा अपने सहयोगियों को बुला रही है. मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष के लिए चार्टर्ड विमान उड़ान भरेगा. अडानी और (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी कितने डरे हुए हैं.”

उन्होंने 2 नवंबर को ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ कैश फॉर क्वेरी आरोपों की सुनवाई के दौरान एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष द्वारा उन्हें “शाब्दिक वस्त्रहरण” का सामना करना पड़ा था. आचार समिति दुबे के आरोपों की जांच कर रही है कि महुआ मोइत्रा ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ लोकसभा में सवाल पूछने के लिए नकद और लाभ लिया. 26 अक्टूबर को दुबे और वकील अनंत देहाद्राई ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ समिति को “मौखिक साक्ष्य” दिए थे.

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