देश की खबरें | संसदीय समिति ने मिलावटी खाद्य पदार्थ या पेय बेचने वालों के लिये कम से कम छह महीने कैद की सिफारिश की

नयी दिल्ली, 14 नवंबर संसद की एक समिति ने मिलावटी खाद्य या पेय पदार्थ बेचने वालों के लिये कम से कम छह महीने की कैद और न्यूनतम 25000 रुपये के जुर्माने की सिफारिश की है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजलाल की अध्यक्षता वाली गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति ने कहा कि मिलावटी भोजन के सेवन से होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए इस धारा के तहत दोषियों के लिए निर्धारित सजा अपर्याप्त है।
इसमें कहा गया है, ‘‘समिति सिफारिश करती है कि इस धारा के तहत अपराध के लिए न्यूनतम छह महीने की कैद और न्यूनतम 25,000 रुपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया जाए।’’
हानिकारक खाद्य या पेय पदार्थों की बिक्री का जिक्र करते हुए समिति ने कहा कि इस अपराध में बड़े पैमाने पर जनता को प्रभावित करने की क्षमता है और इस धारा के तहत अपराधियों के लिए निर्धारित की गई सजा भी अपर्याप्त है।
इसमें कहा गया है, ‘‘समिति सिफारिश करती है कि इस धारा के तहत अपराध के लिए न्यूनतम छह महीने की कैद और न्यूनतम 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया जाए।’’
वर्तमान में, खाद्य पदार्थों में मिलावट के अपराध के लिये छह महीने तक की अवधि के कारावास या 1,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है।
समिति ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत सजा के रूप में ‘सामुदायिक सेवा’ की शुरुआत को ‘स्वागत योग्य कदम’ बताया।
उसने कहा, ‘‘यह एक बहुत ही सराहनीय प्रयास है और अपराधियों को सही रास्ते पर लाने के लिए एक सुधारवादी दृष्टिकोण है। सजा के रूप में इसे पेश करने की सभी हितधारकों ने सराहना की है, क्योंकि इससे न केवल जेल के बुनियादी ढांचे पर बोझ कम होगा, बल्कि देश में जेलों के प्रबंधन में भी सुधार होगा।’’
हालांकि, समिति ने कहा, सामुदायिक सेवा की अवधि और प्रकृति के बारे में बताया नहीं गया है।
समिति का मानना है कि सामुदायिक सेवा अवैतनिक कार्य के एक रूप का प्रतिनिधित्व करती है, जिसे अपराधियों को कैद के विकल्प के रूप में करने के लिए बाध्य किया जा सकता है।
इसमें कहा गया है, ‘‘इसलिए समिति सिफारिश करती है कि सामुदायिक सेवा की अवधि और प्रकृति के बारे में बताया जाना चाहिए और उपयुक्त रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए।’’
समिति ने यह भी सिफारिश की कि प्रस्तावित कानून में ‘सामुदायिक सेवा’ की परि जोड़ते समय, सामुदायिक सेवा के रूप में दी गई सजा की निगरानी के लिए एक व्यक्ति को जिम्मेदार बनाने के संबंध में एक प्रावधान भी किया जा सकता है।

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