चंडीगढ़, आठ नवंबर पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बुधवार को पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया कि वे पराली जलाने के मामले रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करें।
डीजीपी की ओर से यह आदेश उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देश जारी करने के एक दिन बाद दिया गया है।
डीजीपी ने पराली जलाने के खिलाफ कार्रवाई की निगरानी के लिए विशेष डीजीपी (कानून-व्यवस्था) अर्पित शुक्ला को नोडल अधिकारी नियुक्त किया।
आदेश में कहा गया, ‘‘पुलिस नोडल अधिकारी उचित दिशा-निर्देश जारी करेंगे, बैठक करेंगे, दौरे करेंगे तथा प्रासंगिक जानकारी एकत्र करेंगे और इसे पंजाब के डीजीपी और मुख्य सचिव के समक्ष रखेंगे ताकि शीर्ष अदालत के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाइयों की निगरानी प्रभावी तरीके से की जा सके।’’
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के बीच, उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि फसल अवशेष जलाने के मामले ‘‘तत्काल’’ रोके जाएं।
अदालत ने यह टिप्पणी भी की थी कि वह प्रदूषण से ‘‘लोगों को मरने’’ के लिए नहीं छोड़ सकते।
शीर्ष अदालत के निर्देश के एक दिन बाद ही बुधवार को पंजाब में खेतों में आग लगाने के दो हजार से अधिक मामले दर्ज किये गये।
लुधियाना स्थित ‘पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर’ के आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को 2,003 ताजा मामले सामने आने के साथ ही पंजाब में खेतों में फसल अवशेष जलाये जाने की कुल संख्या बढ़ कर 22,981 हो गई है।
आंकड़ों के अनुसार, 466 मामलों के साथ संगरूर शीर्ष पर रहा, इसके बाद बठिंडा में 221, बरनाला में 216, फरीदकोट में 150, मनसा में 131, पटियाला में 106, फिरोजपुर में 103 और लुधियाना में 96 मामले सामने आए।