देश की खबरें | शरद पवार गुट ने राकांपा में विवाद के मूल आधार पर सवाल उठाया

नयी दिल्ली, 24 नवंबर शरद पवार गुट ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में विवाद के मूल आधार पर सवाल उठाया और दावा किया कि जो लोग 2018 में पार्टी में संगठनात्मक चुनाव कराने का हिस्सा थे, वे 2023 में यह दावा नहीं कर सकते कि वे चुनाव त्रुटिपूर्ण थे।
शरद पवार गुट के वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि 1999 से 2018 के बीच ऐसा कोई आरोप नहीं लगा कि शरद पवार पार्टी के नेता नहीं हैं या चुनाव त्रुटिपूर्ण थे।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा पार्टी के चुनाव चिह्न और नाम पर दावे को लेकर निर्वाचन आयोग में जारी सुनवाई के बीच सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह 2023 में पहली बार हुआ, जब ये आरोप लगाया गया है कि 2018 में और उसके बाद निचले स्तर पर हुए चुनाव त्रुटिपूर्ण थे और राष्ट्रीय अधिवेशन भी त्रुटिपूर्ण था।’’
वकील ने कहा कि उनकी दलीलें अगली सुनवाई में भी जारी रहेंगी।
उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वालों में अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल भी शामिल हैं जबकि पटेल ने ही राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने के लिए अपने हस्ताक्षर से नोटिस जारी किया था।
उन्होंने कहा कि समय-समय पर चुनाव आयोग के पास जमा किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि अजित पवार ने कहा था कि शरद पवार पार्टी के नेता हैं और उन्होंने उनसे चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था।
सिंघवी ने कहा, ‘‘फिर अचानक, 30 जून, 2023 को पार्टी में विभाजन का मुद्दा सामने आता है… पहले से कोई विवाद नहीं था… निर्वाचन आयोग चुनाव चिह्न आदेश के पैरा 15 के तहत कार्रवाई शुरू नहीं कर सकता है।’’

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